Sunday, September 22, 2024

सम्मान और पहचान व्यक्ति के कर्म और व्यवहार के परिचायक

स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान कर पिता के संकल्प को बेटियों ने किया पूरा

अजमेर। सम्मान और पहचान व्यक्ति के कर्म और व्यवहार के परिचायक होते हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को तो समाज समर्पण और सेवा भावना से ही तौल कर देखता है। मल्टी सुपरस्पेशियलिटी मित्तल हॉस्पिटल के चिकित्सकों और कार्मिकों में वह समर्पण और सेवा भावना है जिसकी पीड़ित के प्रति वर्तमान में महती जरूरत महसूस की जा रही है। सेवानिवृत्त असिस्टेट अकाउंट ऑफिसर बद्रीप्रसाद कंदोई तथा प्रधानाचार्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता अंशु बंसल ने शनिवार को मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को उनकी सेवा और समर्पण भावना के लिए अभिनन्दन करते हुए यह विचार व्यक्त किए। अभिनन्दन स्वरूप सभी को शॉल ओढ़ाया गया व रुद्राक्ष की माला और स्मृतिचिंह भेंट किया गया । हॉस्पिटल के सीईओ एस के जैन ने सेवा अभिनन्दन समारोह के लिए आयोजकों का धन्यवाद किया और बताया कि स्वास्थ्य सेवाएं देते हुए वे सदैव सेवा में कमी जानने के ही अभिलाषी रहे हैं, बजाए प्रशंसा सुनने के।
इनका हुआ सम्मान
सम्मानित होने वालों में सीनियर अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ नितिश काबरा – डॉ दीपक जैन, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विवेक माथुर, सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ रणवीर सिंह चौधरी, कॉर्डियोग्राफ़र डॉ शैलेष वर्मा, रेडिओलॉजिस्ट डॉ गरिमा खींची, फिजियोथैरेपिस्ट डॉ बी एल गुर्जर, डॉ हिमिशा नाग, आनन्द शर्मा, मनीष कुमार गुप्ता, अनुज माथुर, पद्मजा शर्मा, श्रीमती स्वाति वर्मा, श्रीमती बलजीत कौर, श्रीमती ललिता प्रजापति शामिल हैं। हॉस्पिटल के निदेशक डॉ दिलीप मित्तल एवं मनोज मित्तल ने समारोह के लिए परिजनों व सम्मानित हुए चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को शुभकामनाएं दीं।
पिता ने किया था संकल्प
श्रीमती अंशु बंसल ने बताया कि पीड़ित अवस्था में उनकी माँ की अच्छी सेवासुश्रुषा करने से खुश उनके पिता बद्री प्रसाद कंदोई ने संकल्प किया था कि वे उन सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान करेंगे जिन्होंने उनकी पत्नी मान कंवर अग्रवाल को पीड़ित अवस्था में सेवाएं दीं। यह बात ओर है कि उनकी माताजी मान कंवर अग्रवाल का 13 अक्टूबर 2021 में लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया था, लेकिन पीड़ित को उपचार देते हुए चिकित्सकों का व्यवहार और उनके मुंह के शब्द उन्हें याद हैं जिन्हें सुन कर परिवारजनों को चिंता और परेशानी में भी शीतलता मिल जाती थी।
प्रधानाचार्य अंशु बंसल ने बताया कि गत डेढ़ साल से वे लोग पिता के संकल्प को पूरा करने के इरादे से एक साथ जुटने का प्रयत्न कर रहे थे किन्तु किन्हीं कारणों से समय खिंचता चला गया। आज वे पांचों बहनें अपने पूरे परिवार के सदस्यों के साथ राजस्थान के विभिन्न जिलों से अजमेर एकत्र हुई हैं इनमें उनकी छोटी बहन निशा मोर जोधपुर से, दीपा मित्तल अजमेर से कुमकुम अग्रवाल गंगापुर भीलवाड़ा से तथा इंदू अग्रवाल जयपुर से यहां आई हैं। समारोह में बद्रीप्रसाद कंदोई के दामाद प्रदीप बंसल, मुकेश मोर, अशोक मित्तल, अरविंद अग्रवाल व खुशी लोहिया भी उपस्थित हुए।
ताकि मिले प्रेरणा
प्रधानाचार्य अंशु बंसल ने बताया कि घर—परिवार और बच्चों के शिक्षा संस्कार की चिंता में ही माताएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखतीं। उम्र बढ़ने पर जब बीमारियां घेरने लगती हैं तो पूरे परिवार का ध्यान जाता है। इससे बेहतर है कि यह जागरूकता नई पीढ़ी के बच्चों और स्वयं माताओं व बहनों में भी पहुंचे कि घर—परिवार के साथ अपने स्वास्थ्य के प्रति भी नियमित ध्यान देते रहें। पहले अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। खुद स्वस्थ्य रहने पर पूरा परिवार भी खुशहाल बना रहेगा।

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