अनिल पाटनी/अजमेर। अजमेर जिनेन्द्र देव के अष्टप्रतिहार्य का अर्थ व महत्व बतलाते हुए भैया अंकित शास्त्री ने कहा कि इनसे युक्त भगवान के दर्शन से संतापों, दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। शनिवार को श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन जिनालय सर्वोदय में उन्होंने कहा कि अष्टप्रतिहार्य-सिंहासन, दिव्य ध्वनि, चंवर, भामंडल, सुरपुष्प वृष्टि, देव दुंदुभी, अशोक वृक्ष, छत्र त्रय के साथ भगवान के बहिरंग स्वरूप के दर्शन और चिंतन से दर्शनार्थी भावों से जुड़ जाता है तथा जीवन के कष्टों का निवारण होता है। 20 तारीख से लगे स्वाध्याय महायज्ञ सर्वोदय शिविर का शनिवार को अंतिम दिन था। इस अवसर पर सभी शिविरार्थियों को प्रमाण- पत्र देकर सम्मानित किया गया। श्रुतपंचमी पर श्रुत संवर्धन, शास्त्र साज-सज्जा प्रतियोगिता के विजेता रहे रेणु सौगानी, आशा दोसी, देशना गदिया को सम्मानित किया गया। स्वाध्याय परीक्षा में वीरेंद्र पाटनी, मधु जैन, अंकिता जैन, शालिनी जैन विजेता रही, जिन्हें भी सम्मानित किया गया। शिविर में छतरी योजना, नाका मदार, वैशाली नगर, शास्त्री नगर आदि से कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस दौरान बच्चों की बाल बोध पाठशाला शास्त्री अभिषेक जी भैया ने ली। पाठशाला के सभी प्रतिभागियों को पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। जिनालय समिति की ओर से श्री दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर का भी आभार जताया गया, जिसने जिनशासन की प्रभावना बढ़ाने व शिविर लगाने हेतु विद्वान पंडित भैया उपलब्ध कराये। इस अवसर पर अंकित भैया शास्त्री की प्रवचन शैली का बखान करते हुए जिनालय समिति ने उन्हें सारस्वत वक्ता की उपाधि दी तथा शॉल ओढ़ाकर प्रशस्ति पत्र दिया व सम्मान किया। अंत में कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने व सहयोग करने के लिए जिनालय समिति के मंत्री विनय गदिया ने सुभाष पाटनी, पदमकान्त गदिया, रेणु पाटनी, मधु जैन, कमल कासलीवाल, पारस पाटनी, विजय दनगसिया, वीरेंद्र पाटनी, स्तुति काला, अभय जैन, धनकुमार लुहाड़िया आदि सभी का आभार जताया। इस अवसर पर प्रेम पाटनी, सुशील दोसी, महेश गंगवाल, मंगलचंद पाटनी, रूपचंद छाबड़ा, नवीन पाटनी, अशोक सुरलाया, दीपक पाटनी, अनिल गंगवाल, सुभाष गंगवाल, मुकुल सौगानी, राजकुमार बिलाला, अनिल पाटनी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।