इंदौर। दिगंबर जैन खरौआ समाज ट्रस्ट इंदौर द्वारा गोमटगिरी के पास ,पितृ पर्वत के सामने बनने जा रहे दिगंबर जैन तीर्थ त्रिमूर्ति धाम का भूमि पूजन एवं शिलान्यास समारोह मुनिश्री आदित्यसागरजी, मुनि श्री अप्रमितसागरजी एवं मुनिश्री सहजसागरजी के सानिध्य एवं इंदौर नगर के महापौर पुष्यमित्रभार्गव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। तीर्थ स्थल का भूमि पूजन समाजसेवी एवं उद्योगपति आजादकुमार जैन बीड़ी वालों ने एवं शिलान्यास सुरेशचंद, रमेशचंद एवं राजेंद्र जैन ने किया। समाज अध्यक्ष नवीन जैन मेहगांव एवं ट्रस्ट उपाध्यक्ष हेमंत पांड्या ने बताया कि त्रिमूर्ति धाम तीर्थ तीस हजार वर्ग फुट के भूखंड पर पाषाण से निर्मित होगा जहां चौमुखी चौबीसी जिनालय, संत निवास, स्वाध्याय भवन, मान स्तंभ, धर्मशाला, कम्युनिटी हॉल और आयुर्वेदिक औषधालय का निर्माण किया जाएगा। आपने बताया कि जिनालय में कुल 31 जिन बिंब विराजमान किए जाएंगे जिन के प्रमुख पुण्यार्जक बनने का सौभाग्य सर्वश्री ट्रस्ट अध्यक्ष नितिन कैलाश जैन, विकास पवैया, उत्कर्ष उमेश जैन, विमल अनुज पवैया एवं राहुल कमल जैन ने प्राप्त किया।
इस अवसर पर मुनिश्री आदित्यसागरजी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि तन, मन और धन के समर्पण और परस्पर सहयोग से मंदिरों एवं तीर्थों का निर्माण होता है। जीवन में मकान तो बहुत लोग बनाते हैं पर मंदिर अथवा तीर्थ बनाने का सौभाग्य बिरलों को ही प्राप्त होता है। आजाद जैन ने खरौआ समाज को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में त्रिमूर्ति धाम एक सुदर्शनीय तीर्थ के रूप में शहर का गौरव बढ़ाएगा। नगर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मंदिरों और तीर्थों का महत्वपूर्ण स्थान है, मंदिरों के माध्यम से समाज परस्पर में जुड़ता है और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करता है। प्रारंभ में अतिथि स्वागत हिमांशु जैन, चिराग जैन एवं विपेश जैन ने किया, समारोह का संचालन श्रीमती सोनल जैन एवं गौरव पांड्या ने किया आभार हेमंत के जैन ने माना। इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी, मंत्री डॉक्टर जैनेंद्र जैन, कैलाश वेद, हंसमुख गांधी, राजेश जैन दद्दू, टीके वेद, श्रीमती पुष्पा कासलीवाल एवं परवार समाज महिला संगठन की अध्यक्ष श्रीमती मुक्ता जैन आदि गणमान्य उपस्थित थे। समारोह में खरौआ समाज के स्थानीय एवं भिंड, मुरैना, ग्वालियर, भोपाल आदि शहरों से काफी संख्या में आए प्रतिनिधि उपस्थित थे।