Sunday, November 24, 2024

अ.भा. जैन विद्वत परिषद् का विद्वत सम्मेलन सम्पन्न

ग्वालियर। वीतराग विज्ञान शिक्षण- प्रशिक्षण शिविर के अवसर पर श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद् का विद्वत् सम्मेलन श्री टोडरमल दिगम्बर जैन सिद्धांत महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य एवं विद्वत् परिषद् के कार्याध्यक्ष डॉ. शान्तिकुमार पाटिल की अध्यक्षता, श्री टोडरमल स्मारक ट्रस्ट के महामंत्री- परमात्म प्रकाशजी भारिल्ल एवं टोडरमल स्नातक परिषद् के अध्यक्ष पण्डित अभयकुमारजी जैन देवलाली के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। मंचासीन अतिथियों का स्वागत शिक्षण प्रशिक्षण शिविर आयोजक समिति के सुनील कुमार सर्राफ, विकास मोदी आदि ने किया। मंगलाचरण रजत जैन शास्त्री ने किया। सर्व प्रथम विद्वत् परिषद् के महामंत्री डॉ. अखिल बंसल जयपुर ने परिषद् का सामान्य परिचय दिया जिसमें पूज्य गणेश प्रसादजी वर्णी द्वारा 51 विद्वानों एवं साहू शान्तिप्रसादजी की साक्षी मेंं वीर शासन जयन्ती के अवसर पर 2 नवम्बर 1944 को विद्वत् परिषद की स्थापना, सम्पन्न हुए अधिवेशनों के सभाध्यक्षों के विशिष्ट वक्तव्य एवं परित प्रस्ताव, ग्रंथ प्रकाशन, विद्वत् सन्देश त्रैमासिक शोध पत्रिका का प्रकाशन एवं पण्डित कैलाश चन्द सिद्धान्ताचार्य, पण्डित फूलचन्द जैन सिद्धान्त शास्त्री वनारस, पण्डित दरवारीलाल कोठिया, डॉ. नेमीचन्द जैन इन्दौर आदि विद्वानों के योगदानों का स्मरण किया। सन् 2003 से 2023 तक आजीवन अध्यक्ष रहे आदरणीय हुकमचन्द भारिल्ल के योगदान एवं रीति- नीति की सराहना की। आचार्य विद्यानन्दजी महाराज एवं भट्टारक चारुकीर्ति को समाज में समन्वय , सद्भावना एवं विद्वानों के प्रति प्रेम के कारण हमेशा याद किया जाता रहेगा। वर्तमान में नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रो.डॉ. वीर सागर जैन की विशेषताओं की चर्चा की गई।

तत्पश्चात डॉ. अरविन्द कुमार जैन जयपुर राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने विद्वत्परिषद की नव गठित प्रादेशिक कार्यकारिणियों का परिचय दिया गया एवं परिषद् की कुछ विशिष्ट भावी योजनाओं का प्रस्ताव रखा जैसे- अप्रकाशित प्राचीन पाण्डुलिपियां का सम्पादन, अनुवाद एवं प्रकाशन करना, तीर्थ सुरक्षा एवं पुरातत्व संरक्षण, वहिष्कृत एवं परिवर्तित जैन जातियों/जैन परिवारों को जैन धर्म की मुख्य धारा में लाना, विदेशों में जैन धर्म का प्रचार, इन्टरनेट पर जैन धर्म प्रामाणिक सामग्री उपलब्ध कराना, जैन पाठशालाओं की स्थापना, व्याख्यान माला आदि। प्रत्येक प्रदेश में एक एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय मंत्री को संबंधित प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया जो कार्यकारिणी का गठन एवं संचालित गतिविधियों का पर्वेक्षण करेगे। अभी तक गठित राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, गुजरात एवं मध्यप्रदेश की 21से 31 सदस्यीय कार्यकारिणियों का परिचय दिया गया। दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना में प्रभारियों की नियुक्ति की जा चुकी है तथा शीघ्र ही कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा। इसके वाद राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष प्रो.डॉ.संजय जैन दौसा, मध्यप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष शुद्धात्मप्रकाश जैन ग्वालियर, उत्तर प्रदेश के प्रभारी गणतंत्र ओजस्वी आगरा, दिल्ली के प्रभारी ऋषभ कुमार जैन दिल्ली, महाराष्ट्र के प्रभारी जितेन्द्र राठी ने अपनी इकाई की त्रैवार्षिक भावी योजना प्रस्तुत की। इसके बाद अध्यात्म प्रकाश भारिल्ल मुम्बई, डॉ. प्रवीण जैन ढाई द्वीप इन्दौर, डॉ. शुद्धात्म प्रभा जी टडैया(अध्यक्ष- महिला प्रकोष्ठ) पण्डित अभय कुमार जैन देवलाली, परमात्म प्रकाश भारिल्ल एवं अन्त सभाध्यक्ष डॉ. शान्ति कुमारजी पाटिल ने उद्बोधन प्रदान किया। आभार प्रदर्शन निखिलेश जैन एवं संचालन डॉ. अरविन्द कुमार जैन ने किया।

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