श्रुत पंचमी पर जिनवाणी पुजन के साथ हुएं अछार भेंट
ध्यान से सुनने का फल सुवग सेठ ने प्राप्त किया: क्षुल्लक विश्व प्रभ सागर जी
अशोक नगर। भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण के पांच सौ वर्ष से अधिक बीतने के साथ ही परम्परा गत ज्ञान के क्षय ओपस में कमी को जानकर आज के दिन ही आचार्य श्री धरसेन स्वामी ने आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी आचार्य श्री भूतवलि सागर जी महाराज के द्वारा द्वासंग जिनवाणी के सार रूप श्री षटखड आगम की रचना पूर्ण कर श्री जिन श्रुत आराधना की गई तव से ही यह दिन श्रुतपंचमी के रूप मनाया जा रहा है। आज हम सब ज्ञान की आराधना का महा पर्व श्रुतपंचमी पर सुभाष गंज मन्दिर में भक्ति भाव से मना रहे हैं उक्त आश्य केउद्गार मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने व्यक्त किए।
मधुर संगीत के साथ की जिनवाणी की आराधना
इसके पहले जैन युवा वर्ग के संरक्षण शैलेन्द्र श्रागर ने मधुर संगीत के वीच मंगलाष्टक का पाठ करते हुए कहा कि आज हम सब लोग यहां जिनवाणी माता की महा आराधना करने के लिए एकत्रित हुए हैं वर्ष में एक दिन ऐसा आता है जव सब लोग मिलकर श्रुत की आराधना रूप मां जिनवाणी का स्तवन कर महा पूजा रचाते हैं इससे पहले हम चार इन्द्रो का चयन कर जगत कल्याण की कामना के लिए शान्ति धारा करेंगे कार्यक्रम के प्रारंभ में आचार्य श्री विद्यासागर 7 जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवन समाज के अध्यक्ष राकेश कासंल, मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा, पंचायत सदस्य प्रमोद मंगलदीप, मनीष वरखेडा, नितिन बज ने किया।
इसके बाद भगवान का अभिषेक किया गया जिसका सौभाग्य सुनील कुमार, अनमोल कलेक्शन, जिनेन्द्र कुमार ईसागढ़, नरेंद्र कुमार जनता, प्रसुन कुमार, प्रमोद मंगलदीप परिवार को मिला। वहीं जगत कल्याण की कामना के लिए महा शान्ति धारा करने का सौभाग्य अशोक कुमार आशीष कुमार धुर्रा परिवार, रिंकेश कुमार रूपेश कुमार कासंल परिवार को मिला।
जिनवाणी भेंट कर लिया आशीर्वाद
क्षयओपस बढ़ाने वाले मां जिनवाणी क्षुल्लक श्री विश्व प्रभ सागर जी महाराज को समाज के अध्यक्ष राकेश कासंल के साथ ही महिला युवा वर्ग की अध्यक्षता अभिलाषा शैलेन्द्र दददा, श्रीमति वोवी सिघई कमेटी सदस्य श्रीमति रितू अजित वरोदिया महासमिति की राष्ट्रीय मंत्री इन्दू गांधी महिला परिषद की नीलू वरोदिया बहू वेटी संगठन विमर्श जागृति मंडल सुधा सागर महिला मंडल की वहनो ने सहित अन्य भक्तों ने शास्त्र भेंट किए।
अंहकार करने वाला दुनिया में नहीं बचा: क्षुल्लकजी
क्षुल्लक श्री विश्व प्रभ सागर जी महाराज ने कहा कि हम पढ़ते तो बहुत है पढ़ते समय याद भी हो जाता है लेकिन फिर थोड़े समय बाद भूल जाते हैं ऐसा पूर्व असाता के उदय के कारण होता है हमने जो याद किया है वह भी भूल जाते हैं क्योंकि हमने कभी ज्ञान का दान नहीं दिया जैसे तैसे हम थोड़ा बहुत ज्ञान प्राप्त भी करले तो उसका अंहकार कर बैठते हैं और हमारा किया धरा सब बेकार चला जाता है आज तक ज्ञान का अंहकार करने वाला दुनिया में कोई नहीं बचा ज्ञान का काम जानना और देखना है अंहकार हमें नहीं करना तब ही ये ज्ञान हमें भव भव काम आ सकता हैं। ध्यान से सुनने का फल सुवग नामक सेठ ने प्राप्त किया वे सेठ सुर्दशन बनकर पटना से कठिन तपस्या करके मोक्ष पधारें। अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए उत्तर दिशा की ओर बैठ कर अध्ययन करना चाहिए इससे आपको ऊर्जा मिलने लगेगी और कर्म झरते चले जाएंगे। इस दौरान महिला परिषद की नीलू वरोदिया ने कहा कि सब से पहले नव निर्वाचित अध्यक्ष राकेश कासंल जी सभी का महिला परिषद अभिनन्दन करती है हम सब इसी तरह पूरे संगठन के साथ मिलकर काम करेंगे महासमिति की राष्ट्रीय मंत्री इन्दू गांधी ने कहा कि नवीन कमेटी के साथ हम कदम से कदम मिलाकर चलेंगे अव सभी पर्वो पर मन्दिर जी में प्रभु के जय कारे गूंजना चाहिए।