Monday, November 25, 2024

साहित्य सरोकार संवाद कार्यक्रम सफल साहित्यिक पहल

कार्यक्रम में तीन काव्य संग्रह पुस्तकों का विमोचन हुआ

राघौगढ़। “साहित्य सरोकार संवाद” कार्यक्रम गरिमा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़ के प्राचार्य डॉ जवाहरलाल दुबे थे। विशेष अतिथि हिंदूपत शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ विनोद सिंह भदौरिया एवं वरिष्ठ पत्रकार विजय कुमार जैन थे। कार्यक्रम के सूत्रधार वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि राघवेंद्र भूषण सिंह परिहार थे। हाल ही में परिहार द्वारा लिखित तीन काव्य संग्रह पुस्तकों “मन की पीड़ा” “जिंदगी की तलाश” एवं “काव्य कुंज” का समारोह पूर्वक विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ जवाहरलाल दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा साहित्य साधना निरंतर जारी रहना चाहिए। राघवेंद्र भूषण सिंह परिहार ने कोरोना काल में संत पीपा भगत पर काव्य ग्रंथ की रचना कर रचनाकर साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश किया। हाल ही में आपके जो तीन काव्य संग्रह प्रकाशित हुए हैं उनमें आपने कविताओं के माध्यम से जनमानस को प्राचीन गौरवशाली संस्कृति का स्मरण कराया है. आपने कहा वर्तमान में समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने साहित्यकारों को आगे आना होगा। डॉ विनोद सिंह भदोरिया ने परिहार जी की दो कविताओं का पाठ कर उन कविताओं की विस्तृत व्याख्या की। आपने कहा परिहार उच्च कोटि के साहित्यकार एवं कवि हृदय हैं। विजय कुमार जैन ने कहा हम परिहार जी से बचपन से परिचित हैं आपने कृषि विभाग में पदस्थ रहकर निस्वार्थ एवं लगन शीलता से सेवा की है आपने आग्रह किया कि परिहार जी अपनी लेखनी को निरंतर जारी रखे। आरंभ में अतिथियों ने महाराणा प्रताप जयंती के पावन अवसर पर भारत गौरव महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर इस कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ किया। अतिथियों का शाल, श्रीफल पुष्पाहार एवं सम्मान प्रतीक प्रदान कर सम्मान किया। कार्यक्रम के सूत्रधार राघवेंद्र भूषण सिंह परिहार ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा सेवानिवृत्त होने के बाद मुझे साहित्य साधना में कदम रखने की प्रेरणा मेरे साहित्य प्रेमी मित्रों से मिली। इस अवसर पर विमोचित पुस्तकों की चुनी हुई कविताओं का काव्य पाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त बलवीर सिंह गुर्जर ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा आज का यह कार्यक्रम अतिथियों के आगमन एवं उनके साहित्यिक विचारों से अस्मरणीय बन गया। आपने कहा परिहार जी मेरे 50 साल पुराने मित्र हैं। आपने जीवन भर कृषि विभाग में इमानदारी से सेवा की है आप जो संकल्प ले लेते हैं उसे पूरा करते हैं आपकी लिखित तीनों पुस्तकें निश्चित ही समाज विशेषकर युवा पीढ़ी को उपयोगी रहेंगी। कार्यक्रम में पवन प्रताप सिंह भदौरिया, ब्रजेन्द्र सिंह तोमर पॉलीटेक्निक कालेज, रवींद्र कुमार, अंशुल जोशी, राजीव भारद्वाज, विपिन जैन जे पी विश्व विद्यालय, शीतल सोनी (यू.एस.ए), रूप सिंह सिकरवार एवं मात्रशक्ति की उपस्थित रही।

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