राजाबाबू गोधा/फागी। फागी कस्बे के श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन मंदिर ,पारसनाथ जैन मंदिर , चंद्रप्रभु नसिया, तथा त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर सहित परिक्षेत्र के चकवाड़ा, चोरू, नारेड़ा ,मंडावरी, मेहंदवास, निमेड़ा, लदाना, के जिनालयों में आज जैन समाज ने श्रुत पंचमी का पर्व मनाया जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने मीडिया को अवगत कराया कि श्रुत पंचमी का दिन ज्ञान की आराधना का महापर्व है, इस दिन श्रावक मां जिनवाणी की पूजा अर्चना करते हैं, पावन पर्व श्रुत पंचमी के दिन मंदिरों एवं घरों में रखें हुए पुराने ग्रंथों की साफ-सफाई कर भक्ति भाव से उनकी पूजा करते हैं,श्रुत पंचमी के दिन जैन मंदिरों में प्राकृत ,संस्कृत, प्राचीन भाषाओं में हस्तलिखित प्राचीन शास्त्रों को शास्त्र भंडार से बाहर निकाल कर शास्त्र भंडारों की साफ सफाई करके नए वस्त्रों में लपेट कर सुरक्षित किया जाता है तथा सभी शास्त्रों को वेदी के समीप रखकर पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन जैन आचार्य धरसेन के शिष्य आचार्य पुष्पदंत एवं आचार्य भूतबली ने षट्खंडागम शास्त्र की रचना की थी उसके बाद ही भारतवर्ष में श्रुतपंचमी को पर्व के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में समाज के संरक्षक प्रेमचंद भंवसा, कैलाश चंद कासलीवाल, सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा, सुरेश सांघी, नरेंद्र कासलीवाल, ओमप्रकाश कासलीवाल, शांतिलाल सुलतानिया, राजेश छाबड़ा, शांतिलाल धमाणा, वीरेंद्र दोषी, शिखर गंगवाल, एडवोकेट रवि जैन, कमलेश चौधरी, ललित कासलीवाल, कालू कासलीवाल सहित अनेक श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे।