श्रद्धालुओं ने अष्टद्रव्यों से की षट्-खण्डागम विधान पूजा
जयपुर। राजस्थान जैन साहित्य परिषद की ओर से आयोजित तीन दिवसीय श्रुत पंचमी महामंगल महोत्सव के प्रथम दिवस पर वर्तमान समय में श्रुत की अवधारणा विषय पर धर्म सभा हुई धर्समभा को विद्वान महानुभाव ब्रह्मचारी अनिल कुमार जैन ने संबोधित किया ।सारस्वत अतिथि के रूप में श्रीमती सीमा शर्मा उप शासन सचिव मानव अधिकार आयोग राजस्थान सरकार थीं। दूसरे दिन मंगलवार को बापू नगर स्थित ज्ञानतीर्थ श्री टोडरमल स्मारक भवन में षट्-खण्डागम विधान का आयोजन किया गया। राजस्थान जैन साहित्य परिषद के मंत्री एवं विधान के मुख्य आयोजनकर्ता हीराचंद बैद ने बताया कि कार्यक्रम के तहत सुबह श्रीजी का अभिषेक किया। नित्य नियम पूजा के उपरांत पंडित अभय कुमार शास्त्री-देवलाली महाराष्ट् द्वारा रचित षट्-खण्डागम विधान को श्रावकों द्वारा उल्लास एवं उत्साह के साथ सम्पन्न किया गया। विधान में पंडित रमेश कुमार गंगवाल के निर्देशन में श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति-भाव के साथ मंत्रोच्चार करते हुए अष्टद्रव्यों से पूजा-अर्चना की। गायक कलाकार रिमांशू जैन शास्त्री एवं अनेकांत जैन शास्त्री ने सस्वर संगीत मय पूजा करवाई। विधान में षट्-खण्डागम ग्रंथ विराजमान करने का सौभाग्य श्रीमती संगीता सोनी-प्रदीप सोनी तथा मंगल कलश स्थापना का सौभाग्य श्रीमती शशी बैद-हीरा चंद बैद ने प्राप्त किया। इस अवसर पर वीतराग महिला मंडल की ओर से भी मंगल कलश की स्थापना की गई। इससे पूर्व जिनवाणी शोभायात्रा निकाली गई। कार्यक्रम में महावीर जी क्षेत्र के मानद मंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी, सी.ए. शांति लाल गंगवाल, डा.आनिल जैन, महेश चन्द्र चांदवाड, अखिल जैन- इन्दोर, वैभव जैन – मुम्बई, महेश जैन-ब्यावर, प्रदीप जैन- आगरा, लक्ष्मी चन्द जैन सीकर आदि समाज के प्रबुद्धजन एवं बडी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। परिषद के अध्यक्ष डॉ. विमल कुमार जैन शास्त्री ने बताया कि महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को विशाल जिनवाणी रथयात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा जौहरी बाजार स्थित श्री दिगम्बर जैन तेरापंथी बड़ा मंदिर दड़ा बाजार से रवाना होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई, मनिहारों के रास्ते में स्थित दिगम्बर जैन मंदिर संघीजी पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित होगी। इस अवसर पर शास्त्र सजाओ प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा। तथा प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।