Sunday, November 24, 2024

जनकपुरी में श्रुत पंचमी पर षट्खंडाग़म ग्रंथ को पालकी में विराजित कर किया विधान

जिनवानी सजाओ में महिलायें भक्ति के साथ जिनवानी को थाल पलासने में सिर पर रख कर लेकर आयी

पाठशाला के बालक बालिकाओं ने लगन के साथ विधान पर चढ़ाये अर्घ

जयपुर। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मन्दिर में श्रुत पंचमी महोत्सव विशेष आयोजनों के साथ मनाया गया। पाठशाला के बालक नीरेक द्वारा प्रातः नित्य की शांति धारा के बाद महिलायें जीनवाणियाँ घरों से थाल पलासने में सजाकर सिर पर रख कर लायी तथा मूल वेदी की परिक्रमा करने के बाद नियत स्थान पर विराजित की। साज बाज के साथ आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी द्वारा रचित संगीतमय श्रुत स्कंध विधान पूजन विदुषी गरिमा, सेजल व दीपाली जैन द्वारा कराया गया। इससे पूर्व सुभाष राजेश गर्ग ने पालकी में सजे ग्रंथ का अनावरण तथा धर्म चंद सोगनी ने मंगल कलश स्थापित किया साथ ही सौभाग्यवती महिलाओं ने चतुष्ण कोणों के कलश स्थापित किए। संगीत मय विधान पूजन का उपस्थित सैकडो धर्म प्रेमी बंधुओ ने प्रसन्नता पूर्वक धर्म लाभ लिया। प्रबंध समिति के अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने तीनों विदुषियों के साथ श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर का आभार व्यक्त किया। सुनील अलका सेठी ने तीनो विदुषियों का तिलक माला के साथ सम्मान किया। विदुषियों ने श्रुत पंचमी का महत्व तथा जिनवानी को सम्भाल कर रखने हेतु समझाया। जिनवानी माता की आरती के बाद ग्रंथों को पालकी में ही लेजाकर यथा स्थान विराजित किया ।प्रबंध समिति के अलावा पाठशाला संयोजको महिला मण्डल व युवा मंच के कार्यकर्ताओं का पूर्ण सहयोग रहा।

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