संस्थान की शिक्षक विदुषियों द्वारा चढ़ाया गया मुख्य निर्वाण लाडू
प्रार्थना व दीप अर्चना के साथ शुरू हुआ शिक्षण शिविर का ग्यारहवाँ दिन
गीत गीत में बच्चों ने सीखा ज़रूरतमन्द की सहायता करना (ओ मेरे जादू के थैले )
जयपुर। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मन्दिर में मंगलवार दिनांक 23/5/23 को भगवान के श्री चरणों में अपने समस्त दुखों की निर्वृत्ति हेतु अर्थात निर्वाण की भावना के साथ तीर्थंकर भगवान धर्म नाथ का मोक्ष कल्याण वीतरागमय धर्म दिवस के रूप में मनाया गया। सुबह अभिषेक शान्ति धारा के बाद पन्द्रहवें तीर्थंकर धर्मनाथ की पूजन जयकारों के साथ करते हुए सभी ने समंतभद्र की गाथा के बाद निर्वाण काण्ड का वाचन कर निर्वाण अर्घ बोलते हुए करतल ध्वनि के मध्य निर्वाण लाडू चढ़ाया। मुख्य निर्वाण लाडू चढ़ाने का सोभाग्य श्रमण संस्कृति संस्थान की शिक्षक विदुषियों सेजल गरिमा दीपाली ने प्राप्त किया। इसके बाद शिविर के ग्यारहवे दिन की कक्षाओं का पदम पारस बिलाला परिवार द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ शुभारंभ हुआ। जिसमें एक सो बीस से अधिक विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। गीत गीत में बच्चों ने भगवान से ज़रूरतमन्द की सहायता करने हेतु ख़ाना कपड़े आदि जादू के थैले में माँगा। तो बड़े विद्यार्थियों ने इष्टोपदेश की गाथायें पढ़ी। संस्थान से पधारे पंडित अजीत शास्त्री ने द्वादश वर्षीय पाठ्यक्रम के बारे में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। सभी को नित्य की तरह पारितोषिक व अल्पाहार दिया गया। बुधवार को मन्दिर जी में साज बाज के साथ श्रुत पंचमी के शुभअवसर पर श्रुत स्कंध विधान पूजन का आयोजन होगा।