Monday, November 25, 2024

अदभूत अविस्मरणीय प्राण प्रतिष्ठा महा महोत्सव

पारस जैन पार्श्वमणि/बारां। राणा प्रताप मीरा हाड़ी रानी पन्ना धाय के तप त्याग और साधना की पावन वसुंधरा राजस्थान प्रांत के शहर धर्म प्राण नगरी बारां के समीप बमुलिया में गुणवर्धन शंखेश्वरपार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर तीर्थ ट्रस्ट संचालित श्री जयत्रिभुवन विमलविहार तीर्थ धाम में प्राणप्रतिष्ठा महामहोत्सव के चतुर्थ दिवस पर सुप्रभात वेला में समस्त वाजिंत्रों धुन द्वारा मधुरमय संगीत से प्रभु भक्ति में अदभुत वातावरण में लीन करके सभी मग्न मोहित हो गये। प्राण प्रतिष्ठा महा महोत्सव के महा संयोजक प्रकाशचन्द्र के संघवी सिरोड़ी वाला एवं ट्रस्टमण्डल के पदस्थों ने बताया कि आयोजन प्रेरक श्री प्रमोद जैन भाया, केबिनेट मंत्री महोदय राजस्थान सरकार व तीर्थ अध्यक्षता श्रीमती उर्मिलाजी जैन भाया सा, ज़िला प्रमुख महोदया, बारां ने परम पूज्य निश्रा दाता पूज्यआचार्य श्री राजशेखरसूरीश्वरजी, श्री वीररत्नसूरीश्वरजी, श्री रत्नाकरसूरीश्वरजी, श्री विश्वरत्नसागरजी, श्री पद्मभूषणसूरीश्वरजी, श्री निपुणरत्नसूरीश्वरजी महाराजा के पवित्र सानिध्य में धर्माचार्य श्री संजयभाई पाइपवाला व श्री कल्पेशभाई पंडित, सिरोड़ीवाला के विशिष्ठ विधिविधान के मंत्रोच्चार से संगीत सम्राट “निराला“ श्री नरेंद्रभाई वाणीगोताजी, मुंबई के द्वारा हाड़ौती गौरव, देवलोक समा, कल्पवृक्ष संगमरमर श्वेत पाषाण में नवनिर्मित जिनालय में शास्त्रानुसार च्यवन कल्याणक की मूल विधी जिनालय में की गई। उसमें परमात्मा के माता-पिता राजराजेश्वर श्री अश्वसेन महाराजा एवं वामादेवी महारानी, देवलोक के अधिपति सौधर्मइंद्र देव व पटरानी इन्द्रानी की विधिवत हर्षोल्लास के साथ स्थापना की विधि सुसंपन किगई !

  • श्री वानारसी नगर के राजदरबार में साजन माजन के साथ प्रवेश किया गया ।
    राजदरबार में सभा भरी गई ।
  • महारानी वामादेवी को रात में चौदह चवप्न आये। सखीयो के द्वारा चौदह च्वपन के दर्शन कराये गये।
    च्वप्न पाठक के द्वारा फलादेश ग्रहण किया गया।
    महारानी साहिबा के कुक्षी में तीर्थंकर का अवतरण / चयवन हुआ, यह सुनकर पूरे राजदरबार व वानारसी नगरी मैं अपार ख़ुशी की बहार छा गई ।
    दोपहर विजय मुहरत में पूज्य आचार्यश्री विश्वरत्नसागरसूरीश्वरजी महाराजा का बेसते महीने का महामांगलिक का श्रवण भारत भर से पधारे हुए धर्मप्रेमियों ने किया एवम् पूज्य गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त किए। पूज्य गुरुदेव के आगामी चातुर्मास ठाकुरद्वार मुंबई मैं है परंतु आज लोढ़ा वर्ल्ड सेंटर मुंबई के संघ सदस्य पधारे व चातुर्मास की विनती की वहाँ दो साधु भगवंतों को भेजने की जय बोलाई गई। आगामी मासिक मांगलिक तपोभूमि नाचिक में रखने की विनती को स्वीकार की गई। तीनों समय का स्वामिवतशालय एवं अनेको आमजनो का प्रतिभोज रखागया। भारत भर से पधारे धर्मप्रेमीयो ने तीर्थ परिसर की व विशिष्ठ आयोजन वानारसी नगरी की भूरि भूरि अनुमोदना की ।संपूर्ण भारत वर्ष से जो श्रद्धालु यहाँ आ रहे है। आयोजन की मुक्त कंठ से तारीफ कर रहे है । सारा परिसर धर्ममय हो गया है। श्रद्धा भक्ति और समर्पण का ऐसा अनुपम मन भावन दृश्य जो भी पुण्य शाली देख रहे है। स्मृति पटल पर सदैव के लिए अंकित हो जायेगा । कई जन्मों का पुण्य जब जीवन में आता है तब जाकर ऐसा आयोजन अपनी आखों से मानव देख पाता है।
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