मुरेना जैन मंदिर में ग्रीष्मकालीन शिविर प्रारम्भ
मनोज नायक/मुरेना। श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविरों का आठ दिवसीय 21 मई से 28 मई तक बड़ा जैन मंदिर मुरेना में आयोजित होने जा रहे शिविर का शुभारम्भ हुआ। शिविर के क्षेत्रीय प्रभारी पंडित नवनीत शास्त्री मुरेना द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार बच्चों को धार्मिक शिक्षा एवं संस्कारों का बीजारोपड़ करने के उद्देश्य से परम् पूज्य सन्त शिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं मुनिपुंगम श्री सुधासागर जी महाराज की पावन प्रेरणा से श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्क्रति संस्थान सांगानेर जयपुर द्वारा आयोजित संस्कृति गौरव रजत महोत्सव के अंतर्गत 21 मई से 28 मई 2023 तक ग्वालियर एवं चम्बल सम्भाग के विभिन्न शहरों में ग्रीष्मकालीन शिविरों का आयोजन एक साथ होने जा रहा है। सभी शिविरों का सामूहिक समापन समारोह 28 मई को रात्रि 08 बजे बड़ा जैन मंदिर मुरेना में होगा। शिविर के शुभारम्भ में श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर के अध्यक्ष महेशचंद बंगाली (अजेडा वाले) ने ध्वजारोहण किया। चित्र अनावरण वीरेन्द्र जैन बाबा एवम राजकुमार बरेया, दीप प्रज्वलन महेशचंद जैन (खनेता वाले) एवम पंकज जैन (पंकज मेडिकल) ने किया। मां जिनवाणी की स्थापना महावीर प्रसाद विमलकुमार (विमल रेडियोज) ने की। शिक्षण शिविर में सेवाए देने वाले विद्वानों में शामिल प्रमुख विद्वान संजय जैन शास्त्री, नीरज जैन शास्त्री, विवेक जैन शास्त्री, अभिषेक जैन शास्त्री, संकल्प जैन शास्त्री, नितिन जैन शास्त्री होंगे। शिविर के मुख्य संयोजक वीरेन्द्र कुमार जैन बाबा (नन्दपुरा वाले) मुरैना ने बताया कि शिविर में लगभग 250 बच्चे सम्मिलित हो रहे हैं। पं. जयकुमार शास्त्री मुजफ्फरनगर, डॉ. शीतलचन्द शास्त्री जयपुर, पं. अरुण शास्त्री को विशेष रूप आमंत्रित किया गया है। शिविर में ब्र.संजय भैयाजी, ब्र.ब.अनीता दीदी, मंजुला दीदी, ललिता दीदी का सान्निध्य रहेगा । शिविर प्रभारी पं.विकास शास्त्री एवं पं.सतीश शास्त्री होंगे। श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर मुरेना में आयोजित होने जा रहे शिक्षण शिविर हेतु सह संयोजक डॉ. मनोज जैन, अजय जैन गौसपुर, शुभम जैन चिंटू को मनोनीत किया गया है। सभी शिविरों में प्रशिक्षित विद्वान , व्रह्मचारी भैयाजी एवं ब्रह्मचारिणी दीदीयां प्रशिक्षण देंगीं। सभी नगरों में एकसाथ शिविरों का आयोजन होगा। जिसमें प्रातः, दोपहर एवं शाम को ज्ञान दर्पण भाग 1 एवं 2, छ्हढाला, रत्नकरण्ड श्रावकाचार, तत्वार्थ सूत्र, भक्तामर स्त्रोत का अध्ययन कराया जाएगा। प्रतिदिन रात्रि को शास्त्र सभा के पश्चात सांस्क्रतिक कार्यक्रम होंगे।