जोधपुर के रंगकर्मी परमानंद रामदेव को समर्पित नाट्य संध्या
भावपूर्ण अभिनय से व्यक्त की एक वीरांगना की सच्ची कहानी जो अपने दर्द को भूलाकर पूरे गांव को अपनाती है
जयपुर। नेट थिएट कार्यक्रमों की श्रंखला में आज विकल्प नाट्य संगठन की ओर से वरिष्ठ रंगकर्मी एस एन पुरोहित द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक बड़ी दादी एक वीरांगना के सशक्त मंचन ने दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि जोधपुर के रंगकर्मी परमानंद रामदेव को समर्पित नाटक संध्या भारतीय सेना में शहीद हुए सैनिक परिवारों और उनकी वीरांगनाऔ के जीवन के इर्द गिर्द घूमती कहानी पर आधारित है। नाटक का सह निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी हरि नारायण शर्मा ने किया।
कथासार
नाटक बड़ी दादी एक वीरांगना शेखावाटी क्षेत्र और परिवेश की एक ऐसी वीरांगना के भीतर छिपी अनुभूतियों से रूबरू कराता है, जिसके पति, पुत्र और पोते, तीनों ही भारतीय सेना में सेवा करते हुए देश के लिए शहीद हुए जिसने अपने भीतर छिपे असीमित दर्द और पीड़ा को “बड़ी दादी”, अपना विशाल हृदय खोलकर, पूरे गांव वालों पर अपना सारा प्यार लुटाती है और पूरे गांव को अपना परिवार बना लेती है। हमारे देश के सैनिकों के परिवारों के देश भक्ति एवं शोर्यपूर्ण, जीवन की अंतर्व्यथा और सामाजिक लगाव को बिना किसी ताम -झाम और अनावश्यक दिखावट के, बहुत ही भावपूर्ण और सहज तरीके से व्यक्त करता यह नाटक, वर्तमान समय में समाज में कम होती जा रही देश भक्ति सामाजिक-पारिवारिक मर्यादाओं और नैतिक मूल्यों की कमी पर प्रश्न चिन्ह लगता है और समाज में नैतिक मूल्यों, परस्पर प्रेम-विश्वास, सहयोग, सामूहिकता, समानता और त्याग की भावनाओं को प्रति-स्थापित करने की परम आवश्यकता को बल प्रदान करता है। नाटक की मुख्य पात्र सरस्वती उपाध्याय ने अपने भावपूर्ण अभिनय से दर्शकों का दिल जीता। “नाटक मैं श्रीमति नंदिनी पंजवानी, श्रीमति मीरा सक्सेना, डॉ. भार्गवी जगधारी, श्रीमति मीनाक्षी शर्मा, श्रीमति उमा गौतम, कर्नलअजीत सक्सेना, हरि नारायण शर्मा, विजय स्वामी, जयकिशन झुरानी, अभय बनर्जी, मनोज आडवानी, किशोर ठाकुर, रिद्विक मेवाल और दक्ष शर्मा ने अपने अभिनय से पात्रों को जीवंत कर नाटक की कहानी को जीवंत किया। कार्यक्रम का संचालन दुर्गादास मूलचंदानी ने किया। नाटक में संगीत अध्यात्म जगधारी, आविर्भाव जगधारी, प्रकाश व्यवस्था राजेंद्र शर्मा “राजू” एवं जीवितेश शर्मा तथा रूप सज्जा राधे लाल बांका की रही। कैमरा अनिल मारवाड़ी एवं मनोज स्वामी, साउंड तपेश शर्मा और मंच सज्जा सागर गढ़वाल, देवांशु सोनी एवं अंकित शर्मा नोनू की रही।