अमन जैन/कोटखावदा। विश्व शांति प्रदायक जैन धर्म के सोलहवें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ के तीन कल्याणक- जन्म, तप एवं मोक्ष कल्याणक भक्ति भाव से मनाये गये। इस मौके पर कस्बे सहित आसपास के दिगम्बर जैन मंदिरों में पूजा अर्चना के विशेष आयोजन किये गये तथा मोक्ष का प्रतीक निर्वाण लाडू चढाया गया। प्रातः शांतिनाथ भगवान के जलाभिषेक एवं पंचामृत अभिषेक किये गये। तत्पश्चात विश्व में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए मंत्रोच्चार के साथ शांति धारा की गई। अष्ट द्रव्य से पूजा करते हुए पूजा के दौरान जन्म, तप कल्याणक के अर्घ्य चढाये गये। तत्पश्चात निर्वाणोत्सव मनाया गया, जिसमें निर्वाण काण्ड भाषा के वाचन पश्चात मोक्ष कल्याणक का श्लोक ”असित चौदश जेठ हनें अरी। गिरीसमेदथकी शिवतिय वरी। सकल इन्द्र जजैं तित आइकैं, हम जजैं इत मस्तक नाइकैं।” का उच्चारण करते हुए अर्घ्य एवं निर्वाण लाडू चढाया गया। इस मौके पर मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठे। भगवान शांतिनाथ की महाआरती के बाद समापन हुआ। इस मौके पर कई मंदिरों में मण्डल पर संगीतमय श्री 1008 शांति नाथ पूजा विधान किये गये। कोटखावदा के बडा बास स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में अध्यक्ष महावीर गंगवाल एवं मंत्री दीपक वैद के नेतृत्व में प्रातः 7.30 बजे अभिषेक, शांतिधारा के बाद निर्वाण लाडू चढाया गया।
प्रचार प्रसार मंत्री अमन जैन पत्रकार ने बताया कि इस दौरान मंदिर समिति अध्यक्ष महावीर गंगवाल, महामंत्री दीपक वैद, पंकज वैद, चेतन जैन, राजेश वैद, धर्म चंद्र वैद, शांतिलाल चांदवाड, दिनेश वैद आदि समाज बंधु उपस्थित रहे। महाआरती से समापन हुआ। इसके अलावा अतिशय क्षेत्र छोटा गिरनार बापूगांव, रुपाहेडी कलां, काशीपुरा, निमोडिया, दनाऊं कला, महादेवपुरा सहित आसपास के दिगम्बर जैन मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन किए गए मंत्रोच्चार करते हुए निर्वाण लाडू चढाया गया।