भगवान शान्तिनाथ का जन्म, तप, मोक्ष कल्याणक मनाया गया
मनोज नायक/मुरेना। जैन अतिशय क्षेत्र सिहोनियाजी में जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ का के जन्म, तप एवं मोक्ष कल्याणक महोत्सव शान्तिनाथ विधान, महामस्तकाभिषेक के साथ विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी को श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सिहोनियाँ जी (मुरेना) मध्यप्रदेश में कामदेव चक्रवर्ती तीर्थंकर भगवान शान्तिनाथ का जन्म, तप एवं मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। इस महोत्सव के अनुष्ठान प्रतिष्ठाचार्य पंडित राजेन्द्र जैन शास्त्री मगरौनी एवं संजय जैन शास्त्री सिहोनियाँ ने सम्पन्न कराएं। इस अवसर पर मुरेना की डिप्टी कलेक्टर श्रीमती बन्दना जैन विशेष रूप से उपस्थित रहीं। क्षेत्र कमेटी की ओर से श्रीमती बन्दना जैन का सम्मान किया गया।
इस पावन एवं पुनीत अवसर पर लोहामंडी ग्वालियर के श्रावक श्रेष्ठि राजेशकुमार, पदमचंद, ऋषभदास, मनोजकुमार जैन कुहेले परिवार बघपुरा वालों की ओर से श्री 1008 शान्तिनाथ विधान का आयोजन किया गया है। शांतिधारा करने का सुअवसर अरविंद कुमार सौरभ जैन इटावा को प्राप्त हुआ। मोक्ष कल्याणक पर प्रथम लाड़ू अर्पित करने का सौभाग्य मुरेना निवासी वीरेंद्रकुमार आकाश जैन (जतवार का पुरा) को प्राप्त हुआ। श्री शान्तिनाथ, श्री कुंथनाथ, श्री अरहनाथ भगवान का महमस्तकाभिषेक एवं शांतिधारा करने का सौभाग्य टीकाराम हरीश जैन मुरेना, वीरेंद्रकुमार आकाश जैन मुरेना, राजेशकुमार पदम जैन ग्वालियर, अमित जैन देहरादून, विशंभरदयाल राहुल जैन ग्वालियर, पवन जैन ऋषभ जैन मुरेना को प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में जैन स्वर संगम सौरभ एंड पार्टी मुरेना विशेष रूप से मौजूद थी। मांगलिक कार्यक्रमों के तहत प्रातः 7 बजे से श्री शान्तिनाथ भगवान का अभिषेक, शांतिधारा करते हुए विशेष पूजन किया गया। ततपश्चात श्री शान्तिनाथ विधान प्रारंभ हुआ। प्रातः 12 बजे निर्वाण लाडू अर्पित किया गया। इस अवसर पर 108 कलशों द्वारा भगवान शान्तिनाथ का महामस्तकाभिषेक हुआ। जैन युवा क्लब एवं सोनू मित्र मंडल द्वारा सभी आगन्तुक साधर्मी बन्धुओं के लिए भोजनादि की समुचित व्यवस्था की गई थी। सिहोनियाँ जी अतिशय क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष रविन्द्र जैन टिल्लू, उपाध्यक्ष नीलेश जैन, मंत्री विवेक जैन बंटी, कोषाध्यक्ष रवि जैन, पदमचंद जैन ग्वालियर, राकेश जैन मुरार सहित इटावा, धोलपुर, देहरादून, ग्वालियर, अम्बाह एवं मुरेना सहित अनेकों स्थानों के साधर्मी बन्धु, माता-बहिनें सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।