उपाध्याय 108 श्री ऊर्जयंत सागर जी मुनिराज के सानिध्य में हुआ समारोह
जयपुर। धर्म नगरी जयपुर के दक्षिणी भाग स्थित प्रताप नगर सेक्टर 8 के श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दो दिवसीय भगवान शांतिनाथ जन्म तप मोक्ष कल्याणक एवं मंदिर वार्षिक उत्सव के अवसर पर पूज्य उपाध्याय 108 श्री ऊर्जयंत सागर जी मुनिराज के सानिध्य में आज प्रातः अभिषेक, शांतिधारा के उपरांत देवाधिदेव भगवान शांतिनाथ को मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लडडू चढ़ाया गया। तदुपरान्त श्री शांतिनाथ मण्डल विधान पूजन का आयोजन हुआ, समिति अध्यक्ष कमलेश बावड़ी के अनुसार भगवान शांतिनाथ को मोक्ष कल्याणक लड्डू चढ़ाने का सौभाग्य पदम चंद सौभाग्यमल अजमेरी वाले और राहुल शुभम दिल्ली वालो को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए पूज्य उपाध्याय श्री ऊर्जयंत सागर जी मुनिराज ने कहा कि-भगवान शान्तिनाथ सहस्राम्र वन में नंद्यावर्त वृक्ष के नीचे पर्यंकासन से स्थित हो गये और पौष कृष्ण दशमी के दिन अन्तर्मुहूर्त में दसवें गुणस्थान में मोहनीय कर्म का नाश कर बारहवें गुणस्थान में ज्ञानावरण, दर्शनावरण और अन्तराय का सर्वथा अभाव करके तेरहवें गुणस्थान में पहुँचकर केवलज्ञान से विभूषित हो गये और उन्हें एक समय में ही सम्पूर्ण लोकालोक स्पष्ट दीखने लगा। पहले भगवान ने चक्ररत्न से छह खण्ड पृथ्वी को जीतकर साम्राज्य पद प्राप्त किया था, अब भगवान ने ध्यानचक्र से विश्व में एकछत्र राज्य करने वाले मोहराज को जीतकर केवलज्ञानरूपी साम्राज्य लक्ष्मी को प्राप्त कर लिया। उसी समय इन्द्र की आज्ञा से कुबेर ने दिव्य समवसरण की रचना कर दी थी, उपाध्याय श्री भगवान शांतिनाथ के जीवनवृत को समझाया। समिति के मीडिया प्रभारी बाबू लाल ईटून्दा ने बताया कि समारोह का प्रारंभ दिनांक 17 मई को नमोकार एवं भक्ति संध्या से हुआ जिसे सुरेन्द्र श्रीमती उषा इडली डोसा वालो ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया, महोत्सव के अवसर पर आयोजित मंडल विधान पूजन में निर्मल कुमार पाटोदी धुवां वालो का मार्गदर्शन मिला। समिति मंत्री महेंद्र जैन पचाला के अनुसार आगामी बुधवार 24 मई 2023 को उपाध्याय श्री ऊर्जयन्त सागर जी मुनिराज के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में श्रुतपंचमी पर्व समारोह पूर्वक प्रातःकाल 9 बजे से मनाया जायेगा इसी समारोह में उपाध्याय श्री के वर्ष 2023 के वर्षायोग प्रवास स्थान की संभावित घोषणा भी की जायेगी।