बिचला जैन मंदिर सहित सभी दिगम्बर जैन जिनालयों मे हुई जिनार्चना
इन्द्र-इन्द्राणियों ने पूजा अर्चना के साथ किया भक्ति नृत्य
निवाई। आचार्य इन्द्रनन्दी महाराज एवं बालाचार्य निपूर्ण नन्दी महाराज के सानिध्य में अग्रवाल जैन मंदिर एवं बिचला जैन मंदिर में जैन समाज के श्रद्धालुओं द्वारा भगवान शांतिनाथ के जन्म तप और मोक्ष कल्याणक दिवस हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जिसमें श्री जी की शांतिधारा करके पूजा अर्चना की। कार्यक्रम संयोजक विमल जौंला व राकेश संधी ने बताया कि विधानाचार्य सुधीर जैन के मंत्रोच्चार द्वारा गुरुवार को भगवान शांतिनाथ की शांतिधारा एवं प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य मूलचंद त्रिलोक चंद जैन व सुरेन्द्र टोंग्या को मिला। एवं भगवान सुपार्श्वनाथ की शांतिधारा पारसमल जैन सांवलिया एवं हेमचंद संधी ने एवं भगवान पार्श्वनाथ की शांतिधारा सुरेश चंद रवि कुमार इटावा ने की। मुख्य कार्यक्रम में भगवान शांतिनाथ के निर्वाण लड्डू चडा़ने का सोभाग्य सुरेश कुमार सांवलिया एवं पारसमल सांवलिया परिवार को मिला। जैन मंदिर में सोधर्म इन्द्र विमल चन्द जैन द्वारा मण्डप पर श्री फल अर्ध्य समर्पित किए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने गाजेबाजे के साथ भगवान शांतिनाथ के समक्ष निर्वाण लड्डू चडा़या। इस अवसर पर बिचला मंदिर एवं अग्रवाल जैन मंदिर मे श्रद्धालुओं द्वारा शांति मण्डल विधान आयोजित किया गया जिसमें महिलाओं एवं पुरुषों ने भक्ति भाव से पूजा अर्चना की। इस दौरान पूजा मे नित्य नियम विधमान बीस तीर्थंकर देव शास्त्र गुरु पूजा के साथ शांतिनाथ मण्डल विधान की विशेष पूजा अर्चना की गई। विधान मे संगीतकार गायक विमल जौंला, गायिका विमला जैन लावा एवं संगीता संधी ने मधुर भजनों की प्रस्तुतियां देकर पूजा अर्चना करवाई। इस अवसर पर जैन धर्म प्रचारक विमल जौंला ने श्रद्धालुओं को कहा कि अपने मानव जन्म को सार्थक करने हेतु आज भगवान के मोक्ष कल्याणक पर अपने स्वार्थ, वैरभाव, राग द्वेष, कषाय, तथा अवगुणों को अपने देहरी पर विसर्जित करके आ जाना, यही धर्म है और इसी मे आपके जीवन की सार्थकता है। इस अवसर पर महावीर प्रसाद पराणा, विष्णु बोहरा, पदमचंद पराणा, दिलीप सिरस, त्रिलोक जैन,पवन टोंग्या, कमलेश जैन, नरेन्द्र संधी, राकेश संधी, जयकुमार जैन ,अशोक जैन सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।