Monday, November 25, 2024

महज एंकरिंग ही नहीं, जिंदगी जीने का सलीका भी सिखा रही सूत्रधार कार्यशाला

उदयपुर। गणगौर घाट स्थित बागौर की हवेली में चल रही सात दिवसीय सूत्रधार कार्यशाला में सोमवार को पहले सत्र में कार्यशाला के सह समन्वयक दुर्गेश चांदवानी ने प्रतिभागियों को मंच संचालन की प्रभावशाली क्रियाओं में शेरो शायरी, गीत कविता और छंदों के प्रयोग पर प्रकाश डाला। इसी सत्र की दूसरी कड़ी में वरिष्ठ रंगकर्मी विलास जानवे ने सांसों के उतार चढ़ाव और कार्यक्रम के मुताबिक आवाज़ की लोच संग चेहरे की भाव मुद्रा को नियंत्रण करने की क्रियाएं कराईं। इसी दिन के दूसरे चरण में एमएस यूनिवर्सिटी के रंगकर्म विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. त्रिलोक सिंह मेहरा ने युवा प्रतिभागियों को शास्त्रीय संगीत और नृत्य प्रस्तुति के दौरान मंच संचालन विधा को साधने के गुर सिखाए। अपने सेशन में डॉ. मेहरा ने रेडियो कार्यक्रम के ख्यात अनाउंसर अमीन सयानी, आवाज़ के जादूगर हरीश भिमानी और मशहूर कमेंटेटर जसदेव सिंह के स्वर्णिम काल की ऑडियो वीडियो क्लिपिंग दिखाकर अलग असर जगाया। पश्चिम सांस्कृतिक केंद्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को कार्यशाला का विधिवत समापन होगा, इस अवसर पर सभी प्रशिक्षु प्रतिभागी सात दिनों के अनुभव साझा करते हुए सीखे हुनर का प्रदर्शन भी करेंगे। रिपोर्ट/ फोटो : राकेश शर्मा ‘राजदीप’

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