हम उस देश के वासी हैं…जिस देश में गंगा बहती है!
दुनियाभर में युवाओं से हरा-भरा देश यदि कोई है, तो वो भारत देश है.. जहाँ 65 प्रतिशत युवा यानि 75 करोड़ भारत में 35 वर्ष से कम उम्र के युवा है। हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत युवा है। यही कारण है कि दुनिया भारत के भविष्य को लेकर मुतमईन है। हम भारतीय संस्कृति के होनहार, समझदार, सभ्य युवराज हैं। ये अलग बात है कि हमारे देश के युवा मोबाइल, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम में या श्रीमती को खुश करने में 65 प्रतिशत टाइम पास करते हैं। हमारे देश का युवा यदि ठान ले तो पत्थर में छेद करदे, पानी में आग लगा सकते हैं। हमारे युवाओं ने वक्त-वक्त पर अपनी दृढ़ संकल्प और समर्पण का परिचय दिया है। चुनौतियों को स्वीकार करने और अनेक बाधाओं के बावजूद सफल होने के जुनून और कुव्वत हमारे देश के भारतीयों में है। आज – अमेरिका – आपस में बट रहा है।
यूरोप – संकीर्ण विचारधाराओं के कारण बुजूर्ग हो रहा है।
रूस – भारत की संस्कृति, सदभाव, प्रेम, मैत्री को आत्मसात कर रहा है।
चीन – अपने ओवर स्मार्टनेस के कारण सबको दुश्मन बना रहा है।
भारत – सबका सिरमौर बनकर उभर रहा है।
देश के चालक और संचालक युवाओं के भविष्य को लेकर चिन्तित और परेशान हैं कि वो अपना ध्यान सही दिशा में लगाएँ। भारतीय नौजवान यदि कार्य बल, कार्य कौशल से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तो वो सफलतापूर्वक हासिल कर सकते हैं, जिसकी हम आप कल्पना भी नहीं कर सकते। क्योंकि आने वाले समय में आटोमेशन की कई नौकरियों को खत्म कर देगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, यानि आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स की मदद से कारें चलेगी, ड्रोन से उत्पादन वा सेवा मुहैया कराए जायेंगे और इलेक्ट्रिकल व हाइड्रोजन इंजन काम आयेंगे। आज के नौजवानों को खुद से पूछना चाहिए कि क्या वे इस आर्टिफिशियल दुनिया का सामना करने को तैयार है…?
नरेंद्र अजमेरा, पियुष कासलीवाल औरंगाबाद