डॉ. अनामिका पापडीवाल
शाबाश इंडिया। मदर्स डे मनाना सिर्फ उस व्यक्ति के लिए प्रशंसा दिखाने का एक मजेदार तरीका नहीं है जो आपको बिना शर्त प्यार करता है। इसके महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक लाभ भी हैं। माँ के साथ हमारे बंधन के मनोवैज्ञानिक प्रभाव और उन्हें सम्मानित करने वाले मदर्स डे उत्सव की अपनी महत्वत्ता है। वास्तव में “मातृ दिवस अपने बच्चों के लिए मां के द्वारा किए गए बलिदानों का सम्मान करने का एक अवसर है।”
आज की व्यस्ततम जीवन शैली में यह जरूरी हो गया है कि हम अपने आसपास अपने करीबी रिश्तों को अपना वक्त दें। वह वक्त जो हम बरसों से देना चाह रहे थे पर वक्त ही नहीं था। आज मौका है वापस से अपने रिश्तो में उस ऊर्जा को जगाने का, जो हमें एक दूसरे को मजबूती की डोर से बांधने में सक्षम है। आज आपके पास वक्त है पूरे दिन काम में लगी अपनी मां को आराम देने का।
आज आपके पास वक्त है थोड़ी देर उनकी गोद में सिर रखकर बैठने का। आज आपके पास वक्त है वापस अपने बचपन को जीने का।
तो क्यों ना मदर्स डे के इस मौके पर इस वक्त को दिल से जिया जाए। कुछ वक्त अपनी मां के साथ बिताया जाये। यदि मां आपसे दूर है तो भी निराश मत होइए फोन पर बात करके या वीडियो कॉलिंग करके भी आप उनको अपने करीब महसूस कर सकते हैं। वास्तव में यदि मातृ दिवस पर मां को खुशियां देना चाहते हैं तो बस इतना ध्यान रखिए:
1.अपने परिवार में अपने हिस्से की जिम्मेदारी ले।
2.उनके प्रति अपने प्यार को अभिव्यक्त करें।
3.उन्हें क्वालिटी समय दें यानी उन्हें अपनी मन की बात कहने का मौका दें और उनकी पसंद ना पसंद, उनके बचपन,उनके दोस्तों के बारे में बात करें।
4.उनकी पसंद की डिश बनाकर उतनी ही प्यार से खिलाए जैसे वह आपको खिलाती हैं।
5.सुनने की आदत भी विकसित करें।
6.उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी रखें और उनका ख्याल रखिए।
7.मम्मी के साथ झगड़ा होने पर बातचीत बंद नहीं करें बल्कि उन्हें समझने और समझाने की कोशिश करें। कभी भी रिश्ता खत्म नहीं करें।
8.कभी उनको भी अपना क्वालिटी समय अपने अनुसार बिताने का मौका दें।
9.मां के शौक विकसित करने और उन्हें पूरा करने में मदद करें।