Saturday, September 21, 2024

ठेकेदार परिवार की वेटी ने नगर का मान बढ़ाया: विजय धुर्रा

अशोक नगर। दशहरा मैदान बैरसिया भोपाल में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री अजित सागरजी महाराज ससंघ के सान्निध्य में हो रहे श्री मद् जिनेन्द्र पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सव एवं विश्व शांति में अशोक नगर के ठेकेदार परिवार की बेटी श्रीमति शोभा अभय कुमार जैन को भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस पर दर्शनोंदय तीर्थ थूवोनजी कमेटी ने बैरसिया पहुंच कर माता पिता का बहुमान किया। भगवान को बुलाने अयोध्या जैसी पावनता चाहिए। इस दौरान मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि भगवान का जन्म अयोध्या नगरी में होता उनके गर्भ में आने से छः महीने पहले से देवों द्वारा रत्न वर्षा की जाने लगती है ऐसे अलौकिक पात्र के रूप में हमारे नगर की बेटी श्रीमति शोभा ठेकेदार अभय कुमार जैन को भगवान के माता-पिता बनते देखना सुखद अनुभूति दे रहा है। हम सभी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस दौरान कमेटी के संरक्षक शैलेन्द्र दददा, आडिटर राजीव चन्देरी, संरक्षक सदस्य नवीन सर ने उन्हें तिलक वंदन किया। प्रचार मंत्री विजय धुर्रा ने शाल श्रीफल से सम्मान किया। वहीं जैन युवा वर्ग के अभिषेक जैन, पवन करैया, ठेकेदार परिवार से आनंद जैन बस्त्र आभूषण भेंट किए।

प्रतिभाओं को सम्मानित करने से उनमें निखार आता है

इस अवसर पर मुनि श्री अजित सागर जी महाराज ने कहा कि आज शिक्षा का शुद्ध व्यवसाई करण हो गया है ऐसे में समाज की उन प्रतिभावो को आश्रय देने की आवश्यकता है जो योग्य होते हुए भी धन अभाव में शिक्षा से वंचित हो रहे हैं धार्मिक कार्यों के साथ हमें शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाओं की ओर आज समाज को ध्यान देना होगा। धन की कमी के कारण अपार क्षमता होते हुए भी बच्चे कुछ नहीं कर पा रहे ये स्थिति अब आगे ना बन सके इसके लिए आप सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिभाओं का सम्मान भी होना चाहिए। जब आप किसी प्रतिभा का सम्मान करते हैं तो सैकड़ों लोग उससे प्रेरणा प्राप्त करते हैं जो बच्चे शिक्षा से दूर हो रहें हैं वे भी प्रेरणा प्राप्त कर अपनी जिंदगी को संभाल लेते हैं।

राम चन्द्र जी के जीवन की एक-एक घटना महत्वपूर्ण है
इस दौरान ऐलक श्री निजानंद सागर जी महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चन्द्र का जीवन भारतीय संस्कृति का आदर्श व्यक्तित्व माना जाता है। श्री राम के जीवन की एक-एक घटना पर सैकड़ों शास्त्र लिखें गये हैं। वे औरों के लिए नहीं वल्कि हमारे लिए ही तो लिखें गये है हमारे पास इतना समय नहीं है कि हम उन शास्त्रो को पढ सके वस दूर से नमस्कार करके इतिश्री मान लेते हैं इतने से काम चलने वाला नहीं है। बैरसिया में जो पंच कल्याणक महोत्सव हो रहा है, इसके लिए भी अयोध्या नगरी की जरूरत होती है। आपके नगर में अयोध्या नगरी की स्थापना की तव कही भगवान जन्म लेंगे तो हमें सोचना है कि हमारे पुण्य के उदय से अयोध्या यही आ गई, तो हम भी श्री राम के गुणो को अपने भीतर प्रकट करने का पुरूषार्थ करें। इसके पहले सुनील अखाई, राजेन्द्र अमन मेडिकल, मनोज रन्नौद, मनीष बरखेड़ा, हार्डी सर, सौरव गोयल, महेश घंमडी, नरेन एंड आदर्श जैन ने मुनि संघ से आशीर्वाद प्राप्त किया।

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