श्री जी रजत विमान से जायेंगे अयोध्या नगरी
अयोध्या वासियों की तरह मन को निर्मल बनाये तब प्रभु आयेंगे-मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज
टीकमगढ़। शहर की नंदीश्वर कॉलोनी में आदिनाथ धाम त्रिकाल चौबीसी का पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन कल घट यात्रा के साथ शुक्रवार से प्रारंभ होने जा रहा है। यह महा महोत्सव आचार्य भगवन विद्यासागर जी महामुनि राज के मंगल आशीर्वाद एवं जगत पूज्य निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज एवं छुल्लक श्री गंभीर सागर जी महाराज के संसघ सानिध्य में आज विशाल घटयात्रा श्री जिनेन्द्र देव की शोभा यात्रा के साथ प्रारंभ होगा जो ढौगा मैदान स्थित अयोध्या नगरी में पहुंच कर विशाल ध्वजारोहण समारोह में बदल जायेगा । कार्यक्रम के प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया जी अशोकनगर होंगे। कार्यक्रम के मीडिया संयोजक प्रदीप जैन बम्होरी बताया कि गुरुवार को प्रातः 6:00 आचार्य भगवान विद्यासागर की पूजन एवं सुधा सागर महाराज की पूजन भक्तों के द्वारा की गई ।मुनि श्री प्रातः 7:00 शहर के बाजार मंदिर , मंझार जैन मंदिर बड़ा मंदिर नया मंदिर एवं वैध के मंदिर के दर्शन करने के लिए गए। 8:15 नंदीश्वर कॉलोनी स्थित मंच पर विराजमान हुये। पाद प्रक्षालन का परम सौभाग्य राजा कारी एवं दीप प्रज्वलन का सौभाग्य मंझार जैन मंदिर कमेटी को प्राप्त हुआ ।
दिल के दरवाजे खोल कर रखो त्रिलोकीनाथ आने वाले हैं-मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज
नन्दीश्वर मैदान में विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि पुगंव श्री सुधा सागर जी महाराज ने कहा कि अपने घरों के साथ दिल के दरवाजे खोल कर रखो त्रिलोकीनाथ आने वाले हैं त्रिलोकीनाथ का जन्म टीकमगढ़ में नहीं अयोध्या नगरी में होगा हमें अयोध्या वासियों जैसा मन पवित्र बनाना है जैन दर्शन में मूर्ति की पूजा नहीं होती ,मूर्तिमान की पूजा होती है आपका अनुभव झूठा हो सकता है मेरा अनुभव भी झूठा हो सकता है लेकिन जिनवाणी माता झूठी नहीं हो सकती हैं। जिसको मैं नमोस्तु कर रहा हूं यही भगवान है यह भूल जाओ कि भगवान सिद्धालय में विराजमान हैं । जहां मेरा नमस्कार है वही भगवान है। मेरा शीश भगवान के बिना कहीं नहीं झुकता मेरी पूजा भगवान के बिना होती नहीं। जैन दर्शन मूर्ति को नहीं पूजता मूर्ति में भगवान को पूजता है। मुनि श्री ने कहा कि मान लो यह भगवान हैं हम जैन दर्शन में मान लो वाली चीज हमारे कर्मों का क्षय नहीं करा पाएगी प्रतिष्ठा के बाद यह नहीं कहना यह आदिनाथ की मूर्ति है हमें यह कहना है कि यह तो साक्षात आदिनाथ भगवान हैं। 23 तारीख को साक्षात आदिनाथ भगवान त्रिकाल चौबीसी में विराजमान होंगे।
सत्य से जो ऊपर होता है वहीं चमत्कार हैं
मुनि श्री ने कहा कि सत्य से जो ऊपर होता है वही चमत्कार है। सत्य का नाम अतिशय नहीं है। भगवान में 34 अतिशय होते हैं। वे उनकी महिमा बढ़ाते हैं। अतिशय सबसे बड़ा होता है सबसे ऊपर जिनवाणी नहीं जा सकती, सबसे ऊपर तो भक्त जा सकता है। मुनि श्री ने कहा कि कौन कहता है कि भगवान नहीं आएंगे तैयारी करो 17 तारीख को भगवान आएंगे आप लोगों को भगवान के आने की तैयारी करना है घर घर को सजाना है घर में दीपक जलाना है घर में बंधनवार बांधना है भगवान की अगवानी करना है। पंचम काल में भगवान का पुण्य काम नहीं करता पंचम काल में भक्तों का पुण्य काम कर रहा है । घर घर मे दीप जलना चाहिए कल से आपको ऐसा लगना चाहिए कि टीकमगढ़ नहीं साक्षात अयोध्या नगरी है जहां आदिनाथ भगवान का जन्म हुआ था ।
ये मस्तक जहां झुकेगा वहां भगवान के दर्शन होंगे
उन्होंने कहा कि भक्त को भगवान को खोजने की आवश्यकता नहीं है ये मस्तक जहां झुकेगा वहां भगवान होगा जैन दर्शन में मूर्ति पूजा है ही नहीं गुणों की पूजा की जाती है सिद्धालय में बैठा भगवान सत्य है या मन्दिर में बैठे ये आदिनाथ सत्य है हम तो साक्षात मानकर भगवान की पूजा करते हैं भक्त की भक्ति में ताकत होगी भगवान को आना पड़ेगा आचार्य श्री समंत्तभद्र स्वामी ने पाषाण पिंडी के सामने स्तुति पड़ी और चंद्रप्रभु स्वामी प्रकट हो गए
बालक बन भगवान की भक्ति करे
उन्होंने कहा कि बन जाओ बालक मुझे चन्द्रमा चाहिए विद्वान कहेंगे कि साक्षात भगवान कभी आयेंगे ही नहीं लेकिन हमें तो चन्द्रमा चाहिए तो क्या करेंगे मां चंद्रमा को थाली में पानी डालकर ले आतीं हैं ऐसे ही आप भगवान को ला सकते हैं आयेंगे आना पड़ेगा भगवान को। और अनुभूति में आया की भगवान आ गये भक्ति सत्य की पोछ से बहुत आगे होती है मूर्ति पूजा का विश्लेषण सत्य से बहुत आगे होता है अनहोनी का नाम अतिशय है भगवान के चौंतीस हमारे कोई काम के नहीं सत्य से ऊपर भक्त जा सकता है भक्त की भक्ति जा रही है
अयोध्या नगरी में परेड के साथ होगा भव्य ध्वजारोहण
मध्यप्रदेश महासभा के संयोजक विजय धुर्रा ने बताया कि श्री मद् जिनेन्द्र त्रिकाल चौबीस पंच कल्याणक महा महोत्सव का शुभारंभ घटयात्रा के साथ होगा जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए ढोगा मैदान स्थित अयोध्या नगरी पहुंचकर विशाल ध्वजारोहण समारोह में बदल जायेगा। कार्यक्रम के संयोजक बाबा नायक एवं कार्यक्रम के कार्यकारी अध्यक्ष जिनेंद्र जैन ने बताया कि 17 फरवरी शुक्रवार को प्रातः 7:00 घट यात्रा का विशाल जुलूस नंदीश्वर कॉलोनी से कार्यक्रम स्थल तक जाएगा यह घट यात्रा का जुलूस 9:00 ढोगा मैदान में पहुंचेगा ।जहां रेजीमेंट एवं परेड की सलामी दी जाएगी। हमारे शहर की 25 महिला मंडल ने इस परेड की तैयारी पूरी कर ली है। इसके साथ ही युवा मंडल भी रेजीमेंट एवं परेड की सलामी का हिस्सा बनेंगे । 18 फरवरी को ध्वजारोहण एवं गर्भ कल्याणक का पूर्ण रूप दिखाया जाएगा, 19 फरवरी को गर्भ कल्याणक उत्तर रूप दिखाया जाएगा , 20 फरवरी को भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव होगा, 21 फरवरी को तप, दीक्षा कल्याणक मनाया जाएगा , 22 फरवरी को ज्ञान कल्याणक का कार्यक्रम होगा 23 फरवरी को मोक्ष कल्याणक एवं गजरथ परिक्रमा के साथ पंचकल्याणक महोत्सव का समापन होगा ।
पत्रकार साथियों ने मुनि पुगंव को श्री फल भेंट कर आशीर्वाद लिया
गुरुवार को पंचकल्याणक महोत्सव के पहले टीकमगढ़ नगर के समस्त प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुओं की पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया कमेटी की तरफ से डीके जैन, लुइस चौधरी, प्रकाश मांगना, सुनील जैन केशव गढ़, राजीव वर्धमान, पंडित सुनील शास्त्री, अमित भैया जी जबलपुर, यशोवर्धन नायक, अनुज सापौन, सुधीर जैन , मुरली मनोहर जैन ,प्रदीप जैन बम्होरी, अमिताभ जैन आदि लोग उपस्थित थे। नंदीश्वर कमेटी द्वारा सभी पत्रकार बंधुओं का साल श्रीफल द्वारा स्वागत एवं सम्मान किया गया । सभी पत्रकार साथियों ने मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया ।