जयपुर। आचार्य विमल सागर जी महाराज के परम शिष्य उपाध्याय श्री ऊर्जयंत सागर जी महा मुनिराज ने 14 फरवरी को चोमू बाग सांगानेर पारसनाथ मंदिर से विहार कर एस एफ एस दिगंबर जैन मंदिर में सायकाल 5:00 बजे भव्य मंगल प्रवेश किया। मंदिर समिति अध्यक्ष डॉ राजेश काला, महामंत्री सौभाग्य मल जैन, महिला मंडल अध्यक्ष उर्मिला पाटनी, मंत्री उषा पापड़ीवाल, युवा मंडल अध्यक्ष संदीप गंगवाल, मंत्री जिनेंद्र जैन वह समाज के सभी गणमान्य लोगों ने गुरुदेव की पाद प्रक्षालन व भव्य आरती की । 15 फरवरी को उपाध्याय श्री के सानिध्य में नित्य नियम अभिषेक शांति धारा की गई । शांति धारा का पुण्य मौका अशोक कुमार रोहित कुमार कासलीवाल परिवार सुमेर नगर ने प्राप्त किया । 8:30 बजे धर्म सभा में श्रीमती इंदु सोगानी के द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया है। दीप प्रज्वलन अरुण रेवड़ी वाले वह गुरुदेव के परम भक्त नवीन जैन द्वारा किया गया। गुरुदेव ने प्रवचन में गांधीजी के तीन बंदर की जगह 4 बंदरों का उदाहरण देकर समाज को बताया कि बुरा मत देखो बुरा मत सुनो बुरा मत कहो के अलावा चौथा और जो महत्वपूर्ण उद्देश्य है वह बुरा मत सोचो मनुष्य के सोचने के स्वभाव का ही बाकी तीनों परिणाम है। शास्त्र भेंट डॉ टीकम चंद, दीपक, श्रीमती विमला बाकलीवाल परिवार को, पाद प्रक्षालन ज्ञान चंद, सुधीर पाटनी, कैलाश बिहार परिवार को यह सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। मंदिर समिति के महामंत्री सौभाग मल जैन ने बताया कि गुरुदेव का आज ही मंगल विहार पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर मुहाना मंडी के लिए दोपहर 3:30 पर विहार हुआ जहां पर गुरुदेव के सानिध्य में अष्टाथानिका का भव्य कार्यक्रम किया जाएगा ।