जय जिनेन्द्र ग्रुप द्वारा आयोजित “जय बाहुबली कर्नाटक तीर्थ वंदना” 25 दिसंबर से

सीकर । जैन समाज सीकर की अग्रणी संस्था जय जिनेन्द्र ग्रुप द्वारा जैन समाज की प्रेरणा से आयोजित तीर्थ यात्रा ” जय बाहुबली – कर्नाटक तीर्थ वंदना” सीकर के जैन भवन से रविवार को प्रातः रवाना होगी । तीर्थ यात्रा के संयोजक अजय छाबड़ा व केसर रारा ने बताया कि सीकर शहर, कुकनवाली ,नावा, दाता खाचरियावास, रामगढ़,मंडा गुवाहाटी, सूरत, रानोली, पलड़ा, लालसोट, आदि 16 स्थानों के जैन समाज के लोग इस तीर्थ यात्रा में सम्मिलित होंगे । यह तीर्थयात्रा कर्नाटक के गोमटेश्वर बाहुबली के दर्शन के साथ – साथ आसपास के अन्य तीर्थ क्षेत्रों के दर्शन करवायेगी । मोनू छाबड़ा राणोली ने बताया कि जय जिनेन्द्र ग्रुप की यह तीर्थयात्रा 25 दिसंबर से प्रारंभ होगी व 5 जनवरी तक चलेगी । तीर्थ यात्रा पुण्यार्जक सरबती देवी, प्रकाशचंद, रंजू रारा बेरी, जे के जैन वीणा देवी दिल्ली, प्रेम देवी मनोज सीमा बज सीकर परिवार है । यह यात्रा जैन समाज सीकर की सबसे बड़ी तीर्थ यात्रा होगी जो कि 13 दिन की होंगी । संस्था अध्यक्ष पुनित छाबड़ा ने बताया कि ये तीर्थ यात्रा हेतु रेल, आवास, बस,भोजनशाला आदि व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग यात्रा संयोजक निर्धारित किए गए व रोहित मोदी व प्रदीप विनायक्या तीर्थ यात्रा का मुख्य संयोजक निर्धारित किया गया जिनके दिशानिर्देश में संपूर्ण यात्रा संपन्न होगी ।

“गोमटेश्वर बाहुबली” – एक परिचय

समाज के प्रवक्ता विवेक पाटोदी ने बताया कि “गोमटेश्वर बाहुबली” कर्नाटक के मड्या जिले में श्रवणबेलगोला के गोम्मटेश्वर स्थान पर प्राचीन जैन तीर्थस्थल है। श्रवणबेलगोला में चंद्रगिरि और विंध्यगिरि नाम की दो पहाड़ियां पास-पास हैं। पहाड़ पर 57 फुट ऊंची बाहुबली की विशालकाय प्रतिमा स्थापित है, जो पूर्णत: एक ही पत्थर से निर्मित है।इस मूर्ति को बनाने में मूर्तिकार को लगभग 12 वर्ष लगे। बाहुबली को गोमटेश्वर भी कहा जाता था।गोमटेश्वर की मूर्ति संसार की विशालतम मूर्तियों में से एक मानी जाती है। हर 12 वर्ष बाद भगवान बाहुबली का महामस्तकाभिषेक होता है।