Sunday, November 24, 2024

कलयुग में प्रभु नाम से बढ़कर और कुछ नहीं: जया किशोरी

सूरज मैदान पर भव्य भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का तीसरा दिन

जयपुर । विश्व विख्यात आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने अपनी मधुर वाणी से श्रीमन्न नारायण,भज श्रीमन्न नारायण…तेरी लीला सबसे प्यारी,तेरी महिमा सबसे न्यारी…अपना हरि है ठाठ-बाट वाला…जैसे भजनो की पंक्तियां गाना शुरू की,त्योहि भक्तों की समूह भक्ति और आस्था की मस्ती में झूमता नजर आया। कुछ ऐसी ही आंखों का सुकून पहुंचाने वाला मन भावन दृष्य गुरूवार को नागरमल पिस्तादेवी मणकसिया चैरिटेबल ट्रस्ट व सुरेश ग्रुप के बैनर तले आदर्श नगर के सूरज मैदान पर चल रही भव्य श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के दौरान देखने को मिला। इस मौके पर आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने अजामिल की कथा,विश्व रूप चरित्र,गयासुर की कथा व भक्त प्रहलाद की कथा सुनाकर खचाखच भरे पांडाल में बैठे श्रद्धालुओं के मन को आल्हादित कर दिया। शुक्रवार को कथा प्रसंग के तहत भगवान श्रीकृष्णका जन्मोत्सव नंदोत्सव के रूप मं मनाया जाएगा।
इस मौके पर आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने कहा कि कलयुग में ईश्वर नाम से बढ़कर और कुछ नहीं है। ईश्वर का नाम लेने से सारे कष्टों का निवारण होता है ,साथ ही हृदयरूपी कमल खिल जाता है। भक्त के भाव को केवल ईश्वर ही समझ सकते है। इसीलिए जीव को अपना दुख संसार के सामन नहीं केवल प्रभु के सामने ही प्रकट करना चाहिए। प्रभु पालनहार है,वे शरण में आए भक्तों के दुख हर लेते है।
भक्त प्रहलाद प्रसंग पर बोलते हुए आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने कहा कि भगवान का परम भक्त प्रहलाद जिसे उसके पिता हिरण्यकशिपु अति भयंकर कष्ट दिए,यहां तक कि प्रहलाद को हिरण्यकशिपु ने विष पिलाया,हाथी से कुचलवाया, अग्नि में जलाया,इस तरह की कई यातनाएं दी,परंतु श्री प्रहलाद जी को हर जगह अपने प्रभु के दर्शन करते और उन्हें कहीं भी पीड़ा का अहसास नहीं होता। उन्हे विश्वास था कि हमारे प्रभु सर्वत्र विराजमान रहते है,इसीलिए प्रभु भक्त के पूर्ण विश्वास को देखकर खंभ से प्रकट होकर यह दिखा दिया कि भक्त की इच्छा को पूर्ण करने के लिए वे कहीं भी और किसी भी रूप में प्रकट हो जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जिसके उपर प्रभु का हाथ हो,उसका कोई भी बालबांका नहीं कर सकता। हम सभी को अपने जीवन में भक्त प्रहलाद जैसी भक्ति करनी चाहिए,जीवन में कितना भी संकट या विपत्ति ही क्यों ना आएं,कभी भी धर्म का मार्ग और भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ा चाहिए। जीवन में सदैव निष्काम भाव से भक्ति करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में जब भी बोलो,सदैव सोच समझकर बोलो और प्रेम से बोलो, हित-मित और प्रिय वचन बोलो,ऐसे वचन नहीं बोलो,जिससे किसी का अहित हो। इस मौके पर पांडाल में बैठे श्रद्धालुओं ने झांकी के माध्यम से भक्त प्रहलाद के दर्शन किए। इस दौरान रीको के निदेशक सीताराम अग्रवाल व जीनस ओवरसीज के ईश्वर चंद अग्रवाल ने कथा का श्रमण किया। अंत में नागरमल पिस्तादेवी मणकसिया चैरिटेबल ट्रस्ट व सुरेश ग्रुप के अध्यक्ष नागरमल अग्रवाल व सचिव अरविन्द अग्रवाल के परिवारजनों ने आरती की। इस मौके पर ट्रस्ट के सदस्य अनिल अग्रवाल,सुनील अग्रवाल,सुरेश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल व सहसचिव योगेश बिंदल भी मौजूद रहे।
ट्रस्ट के अध्यक्ष नागरमल अग्रवाल व सचिव अरविन्द अग्रवाल ने बताया कि महोत्सव के तहत शुक्रवार को समुद्र मंथन,वामन अवतार,श्रीराम जन्मोत्सव के बाद श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कथा प्रसंग के तहत 24 दिसम्बर को भगवान श्रीकृृष्ण की बाललीला,गोवर्धन पूजा व 5़6 भोग की झांकी सजाई जाएगी। 25 दिसम्बर को कंस वध रासलीला,गोपी-उद्धव संवाद रूकमणि विवाह प्रसंग की कथा का वर्णन होगा। महोत्सव के अंतिम दिन 26 दिसम्बर को श्रीकृष्ण अनन्य विवाह,श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र सहित अन्य प्रसंगों पर वर्णन होगा। कथा रोजाना दोपहर 1 बजे से साम 5 बजे तक होगी।

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