Saturday, September 21, 2024

मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर ने क्रोनिक किडनी रोग के इलाज के लिए अजमेर में सत्र का आयोजन किया

रोहित जैन। शाबाश इंडिया।
अजमेर। क्रोनिक किडनी रोग की पहचान और इलाज के महत्व को संबोधित करते हुए आज मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर ने पारस यूरोलॉजी एंड मल्टीस्पेशियल्टी हॉस्पिटल, सी ब्लॉक, पुष्कर रोड, हरिभाउ उपाध्याय नगर, अजमेर में किडनी के इलाज के विकल्पों पर एक सत्र का आयोजन किया। इस सत्र को डॉ. जितेंद्र गोस्वामी, कंसल्टैंट – नेफ्रोलॉजी एंड ट्रांसप्लांट फिज़िशियन, मणिपाल हॉस्पिटल्स, जयपुर और डॉ. राजकुमार खासगीवाला, सीनियर यूरोलॉजिस्ट एवं सीएमडी, पारस यूरोलॉजी एंड मल्टीस्पेशियल्टी हॉस्पिटल ने संबोधित किया। उन्होंने क्रोनिक किडनी रोग के समय पर निदान के महत्व और इलाज के विकल्पों के बारे में बताया। मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर अजमेर में नियमित रूप से नेफ्रो ओपीडी लगाता है। डॉ. जितेंद्र गोस्वामी हर माह दूसरे और चौथे गुरुवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे अजमेर के निवासियों को पारस यूरोलॉजी एंड मल्टीस्पेशियल्टी हॉस्पिटल, हरिभाऊ उपाध्याय नगर, सी ब्लॉक, पुष्कर रोड अजमेर में अपनी सेवाएं देते है|

जीवनशैली में बदलाव के कारण किडनी से संबंधित समस्याएं लोगों में बढ़ रही हैं। ज्यादातर मामलों में किडनी रोग के लक्षण शुरुआत में पहचानने में मुश्किल होते हैं, जिसके कारण किडनी को नुकसान पहुँच सकता है या किडनी रोग विकसित चरण में पहुँच सकता है, और किडनी खराब हो सकती है।

क्रोनिक किडनी रोग के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में डॉ. जितेंद्र गोस्वामी, कंसल्टैंट – नेफ्रोलॉजी एवं ट्रांसप्लांट फिज़िशियन, मणिपाल हॉस्पिटल्स, जयपुर ने कहा, ‘‘क्रोनिक बीमारियों के पीड़ितों में क्रोनिक किडनी रोग के मामले बढ़ रहे हैं। इससे उन्हें अन्य समस्याएं, जैसे उच्च रक्तचाप, खून की कमी, कमजोर हड्डियां, दिल की बीमारियां, नसों को क्षति, गाउट, और मेटाबोलिक एसिडोसिस हो सकती है। किडनी रोग के लिए इलाज के दो प्रभावशाली विकल्प उपलब्ध हैं। पहला डायलिसिस है, जो किडनी खराब होने पर खून से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल को बाहर निकालने में मदद करता है, और दूसरा विकल्प किडनी का प्रत्यारोपण है, जिसमें मरीज के शरीर में एक स्वस्थ डोनर की किडनी लगा दी जाती है। क्रोनिक किडनी रोग – स्टेज 5 के लिए आज उपलब्ध इलाज का सबसे अच्छा और प्रभावशाली विकल्प किडनी का प्रत्यारोपण है।’’

इसलिए लोगों को मालूम होना चाहिए कि उन्हें डॉक्टर के पास कब जाना है। इससे क्रोनिक किडनी रोग के लक्षणों को पहचानने में मदद मिल सकती है। किडनी रोग के लक्षण हर व्यक्ति में अलग होते हैं, लेकिन कुछ आम लक्षणों में रात में माँसपेशियों में ऐंठन होना, भूख न लगना, टखनों में सूजन और रात में बार-बार पेशाब आना शामिल हैं ।

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