सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र बनाने के विरोध में एकजुट हुआ जैन समाज
गौरव जैन सिन्नी। शाबाश इंडिया ।
अशोकनगर । जैनों के शास्वत तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर को केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र बनाने के फैसले के बाद जैन समाज विरोध के लिए उतर आया। भारतवर्ष के जैन आचार्यों एवं मुनियों की अपील पर जैन समाज ने विरोध स्वरूप बुधवार को एक दिन के लिए अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर बाईक रैली एवं जुलूस निकाले ।
इसी तारतम्य में बुधवार को स्थानीय जैन व सर्व समाज ने सुबह से ही अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध प्रकट किया। इसके बाद दोपहर 12 बजे स्थानीय श्री दिगम्बर जैन गंज मंदिर से मौन बाईक जुलूस निकाला और गाँधी पार्क पर जैन के लोगों ने अपने सिर का मुंडन करवा कर विरोध प्रदर्शन किया । सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र बनाने के फैसले को वापिस लेने के लिए मौन जुलूस एवं बंद के दौरान जैन एवं सर्व समाज के लोगों ने भी सरकार के फैसले के विरोध में अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर बंद का समर्थन किया। शहर में विरोध स्वरूप पूरे दिन अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।
20 जैन तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली है सम्मेद शिखर
झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित सम्मेद शिखर जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि है यहां से 20 जैन तीर्थंकरों ने कठिन तपस्या करके मोक्ष प्राप्त किया था। इस शास्वत जैन तीर्थ से जैन समाज की विशेष आस्था जुड़ी हुई है। हाल ही में केंद्र व झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखर को धार्मिक स्थल न मानते हुए पर्यटन क्षेत्र बनाने का फैसला किया था। इस फैसले को लेकर देश भर की जैन समाज सड़कों पर आ गई थी। जैन धर्म के सभी पंतो के आचार्यों एवं साधुओं ने प्रवचन के माध्यम से इस फैसले का विरोध किया था। इसी को लेकर 21 दिसम्बर को अखिल भारतीय जैन समाज ने प्रतिष्ठान बंद करने का एलान किया था।
अविनाश जैन धुर्रा ने बताया कि सम्मेद शिखर जी जैन समाज की धरोहर है, जैन समाज इसे किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने देगी। शिखर जी के मामले में कोई भी कसर जैन समाज नहीं छोड़ेगा चाहे इसके लिए कितने भी आंदोलन करना पड़े ।