Saturday, September 21, 2024

जुबान मीठी व दिगाम ठंडा रहने पर जीवन बन जाता सुख का सागर-संतोषसागर महाराज

भगवान की शरण में जाने पर खत्म हो जाते मन के विकार

सनातन धर्म भागवत कथा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का समापन
सुनील पाटनी । शाबाश इंडिया ।
भीलवाड़ा । दुनिया की सबसे बड़ी विधा है मीठा बोलना। जो मीठा बोले व मितभाषी हो वह दुनिया में सफलताएं प्राप्त कर सकता है। लोगों ने मधुमेह के डर से मीठा खाना क्या छोड़ा मीठा बोलना ही छोड़ दिया है। हम कम बोले पर मीठा व अच्छा बोले इससे शुगर का कोई खतरा नहीं है। अपने पास दिमाग में आइस व जुबान पर शुगर की फैक्ट्री लगा लो सदा सुख से रहोंगे। हमेशा जुबान मीठी व दिमाग ठंडा रहना चाहिए। दिमाग गरम व जुबान कड़वी होने से ही सारे काम बिगड़ते है। ये विचार सनातन धर्मयात्रा के प्रणेता राष्ट्रीय युवा संत संतोषसागर महाराज ने बुधवार को भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर स्थित जाट भवन में सनातन धर्म भागवत कथा समिति के तत्वावधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के विश्राम दिवस पर व्यास पीठ से भगवान कृष्ण के मथुरागमन, उद्धव चरित्र, रूक्मणी विवाह, सुदामा चरित्र आदि प्रसंगों का वाचन करते हुए व्यक्त किए। कथा के शुरू में भागवतजी की आरती व पूजा अग्रणी जजमान श्यामजी मनीष चांडक, दामोदर सिंगी, दीपक झंवर आदि ने की। राजस्थान के 25 जिलों में सनातन धर्म यात्रा निकालने के बाद 26वें पड़ाव के रूप में भीलवाड़ा पहुंचे संतोषसागरजी महाराज ने कहा कि भगवान की शरण में कोई आ जाए तो भगवान उसे मन का सौन्दर्य प्रदान करते है। जिसके पास यह होता है वह अपने चित से अन्य को आकर्षित करता है। भगवान उनके पास किसी जीव के आने पर उसके मन के विकार को खत्म कर देते है। मन की तीन गांठे काम, क्रोध व लोभ की है जिन्हें खोलने पर मन सुंदर बन जाता है। संसार का नियम है जैसा बोयेंगे वैसा ही पाएंगे इसलिए हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए। भगवान ने हमेशा अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना की है। उन्होंने भीलवाड़ावासियों की भक्ति भावना ओर कथा आयोजन समिति के समर्पण भाव की सराहना करते हुए कहा कि ऐसा प्रेम भरा माहौल अन्यत्र मिलना मुश्किल है। श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन विशिष्ट अतिथि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं शाहपुरा विधायक कैलाश मेघवाल, दक्षिण राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी सभा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश कोठारी, प्रदेश मंत्री सत्येन्द्र बिड़ला, केजी तोषनीवाल, नवल तुलसियान आदि ने व्यास पीठ पर विराजित संतोषसागर महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष श्याम चांडक एवं महासचिव शांतिप्रकाश मोहता ने अतिथियों का स्वागत किया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मेघवाल ने भक्तिभावना से परिपूर्ण इस गरिमामय भव्य आयोजन के लिए सनातन धर्म भागवत कथा समिति के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों को बधाई दी। आयोजन समिति के तनसुखराय सोमानी, रामकुमार बाहेती एवं मुरारीलाल बिहारी के अनुसार सनातन धर्मयात्रा के तहत संतोषसागर जी महाराज द्वारा बच्चों व युवाओं को निःशुल्क गीता पुस्तक वितरण के कार्य में सहयोग के रूप में श्रीराम मंडल सेवा संस्थान ने दो लाख रूपए की सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा की। आयोजन समिति के उपाध्यक्ष राधाकिशन सोमानी ने निःशुल्क गीता वितरण के लिए एक लाख 21 हजार रूपए एवं विशिष्ट अतिथि केजी तोषनीवाल ने एक लाख रूपए की सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा की। कथा के दौरान भजनों पर श्रोता जमकर झूमते रहे और भगवान के जयकारे लगते रहे। श्रीमद भागवत कथा के विश्राम होने पर पूर्ण भक्तिभाव व विधिविधान से श्रीमद् भागवत गीता को व्यास पीठ से पुनः नीलकंठ महादेव मंदिर तक पहुंचाया गया। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के समापन पर हवन एवं पूर्णाहुति गुरूवार सुबह 9 बजे शास्त्रीनगर स्थित माहेश्वरी भवन में होगी।

मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो

श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में अंतिम दिन कथा शुरू होने से लेकर अंत तक श्रद्धालु संगीतमय भक्तिरस में डूबे रहे। श्रीमद् भागवत कथा के श्रीकृष्ण के मथुरागमन, रूक्मणी विवाह आदि विभिन्न प्रसंगों के वाचन के दौरान बीच-बीच में भजनों की गंगा प्रवाहित होती रही। जैसे ही व्यास पीठ से संतोषसागर महाराज कोई भजन शुरू करते कई श्रद्धालु अपनी जगह खड़े होकर नृत्य करने लगते। उन्होंने ये प्रेम की बात उधों बदंगी तेरे बस की नहीं, आओ मेरी सखी मुझे महंदी लगा दो मुझे श्यामसुंदर की दुल्हन बना दो आदि भजन गाए। भजनों पर पांडाल में सैकड़ो श्रद्धालु नृत्य करने लगे। नृत्य करने वालों में महिला-पुरूष सभी उम्र वर्ग के श्रद्धालु शामिल थे।

भजन संध्या में बही भक्ति की धारा, झूमते रहे भक्त

कथास्थल जाट भवन में मंगलवार रात श्रीसंगीत संस्थान की ओर से भजन संध्या का आयोजन किया गया। संस्थान के अध्यक्ष जगदीश जागा के नेतृत्व में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक मनमोहक भजनों की प्रस्तुतियां दी। भजन संध्या में संगीत संस्थान के कलाकारों ने हिंदी, राजस्थानी व मारवाड़ी सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी तो भक्ति की धारा बह निकली ओर सैकड़ो भक्त सर्द रात की परवाह किए बिना झूमते रहे। इस मौके पर संगीत संस्थान के कैलाश जीनगर, मुकनसिंह राठौड़, दीपा दाधीच, निशा हिंगड, सुमन मेवाड़ी, हिमांशु जागा, अजय गौड़, राधव दाधीच, सूरज वैष्णव, नारायण मेघवंशी, युक्ति ओझा, सुरेन्द्र भाट,कैलाश रूपायली, रमण राठी, श्यामलाल वैष्णव, दिनेश गन्धर्व, पंकज पंचोली, दिलीप कोली, भगवतीलाल माहेश्वरी, अभयसिंह चुण्डावत, गोविन्द बहेड़िया, शिव शर्मा, रामचन्द्र मूंदड़ा आदि ने एक से बढ़कर एक भक्तिभाव से ओतप्रोत भजनों की प्रस्तुति दी। इस मौके पर सनातन धर्म भागवत कथा समिति के अध्यक्ष श्याम चांडक, महासचिव शांतिप्रकाश मोहता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राघेश्याम सोमानी, नंदकिशोर झंवर सहित आयोजन समिति के कई पदाधिकारी व बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।

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