Saturday, November 23, 2024

जन्माभिषेक शोभायात्रा में उमड़े श्रद्धालु

सुमेरु पर्वत पर 1008कलशों से हुए तीर्थकर बालक के जन्माभिषेक
शनिवार 26 नवम्बर को मनायेंगे तप कल्याणक महोत्सव
होगी तप कल्याणक की क्रियाएं रविवार,27 नवम्बर से शुरु होगा टीले से निकली भगवान महावीर की प्रतिमा के महामस्तकाभिषेक

जयपुर/श्री महावीरजी । 21 वीं सदी के भगवान महावीर के प्रथम महामस्तकाभिषेक महोत्सव के अन्तर्गत गुरुवार से शुरु हुए पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में शुक्रवार को जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया। इस मौके पर जन्माभिषेक शोभा यात्रा निकाली गई एवं सुमेरु पर्वत पर तीर्थंकर बालक के 1008कलशों से इन्द्रों द्वारा जन्माभिषेक किए गए। शनिवार को तप कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। रविवार 27 नवम्बर से टीले से निकली भगवान महावीर की अतिशयकारी प्रतिमा के महामस्तकाभिषेक महोत्सव शुरू होगा। जन्म कल्याणक महोत्सव के मौके पर प्रातः 11 बजे मुख्य पाण्डाल से विशाल जन्माभिषेक शोभा यात्रा जुलूस निकाला गया। जिसमें सबसे आगे घोड़े पर पचरंगा ध्वज लिए बालक, जिनवाणी का ऐरावत हाथी, धर्म चक्र, जयपुर से आया भगवान महावीर का 2550 वा निर्वाणोत्सव का रथ सहित 5 बैण्ड ,9बग्घियां,11हाथी जिनपर इन्द्र -इन्द्राणी विराजमान थे, ऊंट, घोड़े,ऊटगाडियां, एवं सैकड़ों श्रद्धालु शामिल थे । शोभा यात्रा मुख्य बाजार से होती हुई प्राकृतिक चिकित्सालय होते हुए मुख्य पाण्डाल स्थित सुमेरु पर्वत पहुंची जहां मंत्रोच्चार के साथ तीर्थंकर बालक के 1008 कलशों से जन्माभिषेक किए गए। प्रथम अभिषेक सौधर्म इन्द्र -इन्द्राणि रोहन-अमिता कटारिया द्वारा किए गए। तत्पश्चात बोलियों के माध्यम से तीर्थंकर बालक के श्रद्धालुओं ने जन्माभिषेक किए। इससे पूर्व प्रातः रानी त्रिशला के महल में तीर्थंकर बालक का जन्म हुआ। सौधर्म इन्द्र-इन्द्राणि द्वारा धूमधाम से जन्मोत्सव मनाया गया। शचि इन्द्रानी द्वारा तीर्थंकर बालक के स्थान पर मायावी बालक को माता त्रिशला के पास सुलाकर जन्में तीर्थंकर बालक को सौधर्म इन्द्र के साथ जन्माभिषेक हेतु विशाल जुलूस के रुप में सुमेरु पर्वत ले जाया गया।
इस मौके पर आयोजित धर्म सभा में आचार्य वर्धमान सागर महाराज ने प्रवचन देते हुए शास्त्रों में उल्लेखित तीर्थकर बालक के जन्मोत्सव को विस्तार से बताया। धर्म सभा में अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल, उपाध्यक्ष शांति कुमार जैन,सी पी जैन, महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी, कार्याध्यक्ष विवेक काला, कोषाध्यक्ष उमरावमल संघी, मुख्य संयोजक सुभाष चन्द जैन जौहरी, संयोजक सुरेश सबलावत, राकेश सेठी, देवेन्द्र अजमेरा, भारत भूषण जैन सहित बड़ी संख्या में कमेटी सदस्य एवं गणमान्य श्रेष्ठीजन शामिल हुए। महोत्सव के प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि दोपहर 2.30 बजे से इन्द्र-इन्द्राणियों द्वारा संगीतमय जन्म कल्याणक पूजा की गई। पूजा के बाद हवन किया गया। सायंकाल इन्द्र-इन्द्राणियों एवं उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा संगीत पर झूमते, नाचते गाते श्री जी की महाआरती की गई। तत्पश्चात आयोजित शास्त्र सभा में पं.हसमुंख जैन धरियावद वालों द्वारा धर्म की बातें बताई गई। रात्रि में तीर्थंकर बालक के पालना महोत्सव में इन्द्र -इन्द्राणियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा तीर्थंकर बालक को झुलाया गया। रात्रि में वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागर महाराज के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। जिसमें आचार्य श्री के जन्म से लेकर अब तक की सारी जानकारियां मनोरम दृश्यों के माध्यम से बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत की गई।
प्रबंधकारिणी कमेटी दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी के अन्तर्गत गठित भगवान महावीर महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि 24 से 28 नवम्बर तक आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान महावीर की 24 फीट ऊंची खडगासन प्रतिमा सहित परिकरयुक्त चौबीसी एवं कमल मंदिर की नवग्रह अरिष्ट निवारक जिनालय प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा होगी। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष राज कुमार कोठ्यारी के मुताबिक शनिवार,26 नवम्बर को तप कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा जिसमें प्रातः 6.30 बजे से ध्यान एवं आशीर्वाद सभा के बाद श्री जिनाभिषेक एवं नित्यार्चना होगी। तीर्थंकर बालक की बाल क्रीड़ा के बाद प्रातः 9.00 बजे धर्म सभा में आचार्य वर्धमान सागर महाराज के मंगल आशीर्वचन होंगे। प्रातः 10.00 बजे चक्रवर्ती की षटखण्ड दिग्विजय यात्रा निकलेगी। दोपहर 1.00बजे तीर्थंकर राजकुमार का राज्याभिषेक होगा। वैराग्य दर्शन के बाद तीर्थंकर राजकुमार का गृह त्याग,दीक्षा विधि, संस्कार तप कल्याणक पूजा एवं हवन होगा। सायंकाल आरती महोत्सव के बाद शास्त्र सभा होगी। रात्रि 8.00 बजे से रुपेश जैन एण्ड पार्टी इन्दौर द्वारा भक्ति संध्या में भजनों की गंगा बहाई जाएगी। रविवार,27 नवम्बर को केवल ज्ञान कल्याणक महोत्सव तथा सोमवार,28 नवम्बर को मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। पूर्णाहुति के बाद नवीन वेदी में भगवान को विराजमान करेंगे।
महोत्सव समिति के महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी के मुताबिक मोक्ष कल्याणक के बाद दोपहर में भगवान महावीर की खडगाहन प्रतिमा एवं चौबीसी प्रतिमाओं का मस्तकाभिषेक होगा। यात्री निवास के सामने भगवान महावीर एवं क्षेत्र के विकास पर प्रदर्शनी लगाई गई है। राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन का पूरा सहयोग महोत्सव एवं श्री महावीर जी के विकास में मिला है।

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