Saturday, September 21, 2024

टोंक तो हमारा गांव जैसा है, समाज हमारा परिवार : वैराग्य नंदी जी महाराज

अचार्य वैराग्यनंदी जी महाराज के मंगल प्रवेश में जैन समाज ने बिछाए पलक पावडे

टोंक । मोहन सिंघल । परमपूज्य 108 पदम नंदीजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य108 वैराग्यनंदी जी महाराज के ससंघ का श्री दिगंबर जैननसिया में भव्य मंगल प्रवेश गाजेबाजे के साथ हुआ । जहा उनके सानिध्य में अभिषेक, शांतिधारा के पश्चात पंचामृत अभिषेक हुआ । इससे पूर्व आचार्य संघ मेहंदवास जैन मंदिर से प्रातःकाल 7:00 बजे विहार कर डिपो पर स्थित कल्पना गार्डन के पास पहुंचे जहां से जुलूस के रूप में मुख्य मार्ग होते हुए जैन नसिया मंगल प्रवेश हुआ । जिसमे मार्ग में समाज द्वारा जगह-जगह आरती, पादप्रक्षालन एवं रंगोलियां बनाई गई एवं मुख्य मार्ग में 21 स्वागत तोरण गेट लगाए गए एवं बैंड बाजों की मधुर ध्वनि पर युवा शक्ति एवं महिलाएं भक्ति नृत्य के साथ मंगल प्रवेश हुआ जहां पर समाज के अध्यक्ष पदमचंद आड़रा, मंत्री धर्मेंद्र पासरोटियां, पप्पू नमक,कमल आड़रा, धर्मदाखिया, वीरेंद्र संघी , श्यामलाल जैन ,रमेश काला,तारा चंद बड़जात्या, आदि ने आरती एवं पाद प्रक्षालन किया तत्पश्चात आचार्य श्री नसिया परिसर में दर्शन करके उनके सानिध्य में अभिषेक शांतिधारा के पश्चात पंजा मृत अभिषेक का कार्यक्रम हुआ तत्पश्चात आचार्य श्री पंडाल में धर्म सभा संबोधित करने के लिए पहुंचे जहां पर चित्र का अनावरण टोंक जिला प्रमुख सरोज बंसल, भागचंद फुलेता विमल बारवास, नरेश बंसल विकासअग्रवाल एवम बाहर से आए महानुभव से चित्र अनावरण एवं पाद प्रक्षालन किया एवं शास्त्र भेट अंकुर पाटनी, कमल सर्राफ, ओम ककोड़, नीटू छामुनिया, अनिल सर्राफ, जिन धर्म प्रभावना समिति एवं मुनि सेवा समिति के द्वारा आयोजित हुआ तत्पश्चात आचार्य श्री ने अपने उद्बोधन में कहां की हमें जैन धर्म तो मिला है लेकिन हमें जैन धर्म पर विश्वास नहीं है णमोकार मंत्र की माला तो फेरते हैं लेकिन णमोकार मंत्र पर श्रद्धा नहीं है जिस दिन धर्म पर दृढ़विश्वास हो जाएगा तो हमारा जीवन सर्वोत्तम हो जाएगा आज तो टोंक आकर ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं अपने परिवार में आया हूं कुलभूषण नंदी जी महाराज का यहां 1999 में चतुर्मास हुआ था । उसके बाद हमारा 2014 में चतुर्मास हुआ था । टोंक में आने के बाद आदिनाथ भगवान के दर्शन करने के बाद यहां से हम सम्मेद शिखरजी की यात्रा प्रारंभ करेंगे जिस टोंक से पारसनाथ की टोंक तक की यात्रा हमारी सफल हो ऐसी भावना आप सब निरंतर शांति धारा में भावे तत्पश्चात आचार्य श्री आहार चर्या के लिए लगभग 200 लोगों ने पड़गाहन किया । दोपहर में आदिनाथ भगवान के समक्ष शांति विधान मंडल का कार्यक्रम आयोजित किया गया सायकाल को प्रश्नमंच, स्वाध्याय, एवं भक्तामर पाठ का स्त्रोत किया गया ।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article