भक्ति नृत्य, जयकारों के साथ हुई अगवानी, सजाए तोरण द्वार, रंगोली
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव में सान्निध्य प्रदान करने बानपुर पहुँचे मुनि सुप्रभ सागर ससंघ
बानपुर,ललितपुर । चर्याशिरोमणि आचार्य विशुद्ध सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक आज्ञानुवर्ती परम शिष्य मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रणत सागर जी(ललितपुर नगर गौरव), मुनि श्री सौम्यसागर जी महाराज त्रय मुनिराज का अतिशय तीर्थक्षेत्र क्षेत्रपाल जी, बानपुर में मंगल आगमन हुआ। सकल दिगम्बर जैन समाज बानपुर व क्षेत्रीय जैन-जैनेत्तर समाज ने बड़े ही भक्तिभाव पूर्वक कस्बा बानपुर की सीमा से दो किलोमीटर दूर से गाजे-बाजे व भक्ति नृत्य के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मुनिसंघ की मंगल अगवानी की।
उल्लेखनीय है कि पूर्वनियोजित कार्यक्रम अनुसार मुनि संघ विदिशा से जतारा, टीकमगढ़ से पदविहार करते हुए बानपुर में आगामी 28 नवम्बर से आयोजित होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा , गजरथ महोत्सव तथा विश्व शांति महायज्ञ में ससंघ सानिध्य प्रदान करने पधारे हैं। मुनित्रय की अगवानी के लिए जैन-जैनेतर श्रद्धालु उमड़ पड़े। कस्बा से दो किलोमीटर दूर पहुँचकर श्रद्धालुओं ने अगवानी की। पूरे रास्ते में विज्ञाश्री महिला मंडल, विज्ञाश्री बालिका मंडल, जैन समाज का समस्त महिला मंडल निर्धारित परिधान में भक्ति नृत्य करते हुए चल रही थीं तो श्रावकों ने गगनभेदी जयकारों से गुंजायमान कर पूरे क्षेत्र को धर्म की गूँज से ओतप्रोत कर दिया। साधु सेवा समिति स्वयंसेवी संस्था के सदस्य उत्साह पूर्वक गाजे-बाजे के साथ मधुर ध्वनि कर रहे थे तो वहीं लोकनृत्य भी आकर्षण का केंद्र रहा। छोटी- छोटी नन्ही पाठशाला बच्चियों ने सफेद परिधान में मंगलगान, झूमते हुए सभी को आकर्षित किया।
मीडिया प्रभारी डॉ सुनील संचय ने बताया कि नगर में स्वागत के लिए जहाँ तोरण द्वारा बनाये गए थे वहीं श्रद्धालुओं ने अपने-अपने दरवाजे पर सुंदर रंगोली सजाकर, पाद प्रक्षालन और आरती के द्वारा अपना उत्साह व भक्ति प्रदर्शित किया। गवानी करने में सहावेन्द्र सिंह पूर्व ग्राम प्रधान, आशीष रावत जिला पंचायत सदस्य, काशीराम रजक , ग्राम प्रधान आदि तथा समस्त जैन समाज व जैनेतर समाजजन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। सुनील सुंदरपुर ने मुख्य पाद प्रशालन किया। आभार अतिशय क्षेत्र बानपुर के अध्यक्ष महेन्द्र नायक ने व्यक्त किया। बानपुर पहुँचने पर मुनित्रय ने जिनालय में दर्शन किया, बानपुर समाज के पदाधिकारियों ने मंगल आरती कर स्वागत, वंदन किया। पंचकल्याणक महोत्सव का आगाज 28 नवम्बर से होगा, आयोजन की भव्यता को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां अंतिम दौर में हैं।
धार्मिक व्यक्तियों से धर्म चलता है :
इस अवसर पर मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज ने कहा कि धार्मिक व्यक्तियों के बिना धर्म का चलना संभव नहीं हो सकता। आचरण, विचार और सद्चरित्र ही धर्म है। जो व्यक्ति नैतिक है, जिसका आचरण पवित्र है एवं जो अपने कर्मो के प्रति निष्ठावान है और जो जीवन के अपने कर्तव्यों का निर्वाह करता है वह व्यक्ति धार्मिक है। उन्होंने कहा कि पुण्यशाली व्यक्ति को ही पंचकल्याणक में पात्र बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है, इसलिए अपने सौभाग्य को जगाएं।