बड़ागांव बागपत। मनोज नायक। अतिशय क्षेत्र बड़ागांव में विद्याभूषण सन्मतिसागर गुरूमन्दिर प्रतिष्ठा, उत्तर भारत के प्रथम दिगम्बराचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज (छाणी) परम्परा के समस्त पट्टाचार्यों की चरण स्थापना एवं पिच्छिका परिवर्तन समारोह विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया । इस पावन अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री, बागपत सांसद सत्यपाल सिंह ने पूज्य गुरुदेव को नमन करते हुए कहा कि त्रिलोकतीर्थ धाम भारत ही नहीं विश्व की एक अनुपम कृति है । त्रिलोकतीर्थ के दर्शन करने के वाद हमें अपने विकारों को भूल जाना चाहिए । विशिष्ट अतिथि राजकमल जी (जिलाधीश बागपत) ने कहा कि मैं इस पावन तीर्थ के प्रणेता पूज्य विद्याभूषण जी को कृति के निर्माण के लिए नमन करता हूं । समारोह का शुभारंभ सुशील विनोद बड़ौत के द्वारा किये गए ध्वजारोहण से हुआ । गुरु मन्दिर के शिखर पर ध्वजा स्व. अजय जैन सीए की धर्मपत्नी श्रीमती अरुणा जैन को, कलश स्थापना सतेंद्र जैन बुढ़ाना, प्रथम आरती दिलीप जैन, गुरुचरणों का पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य अनिल जैन विकासपुरी, जितेंद्र जैन लक्ष्मीनगर को प्राप्त हुआ । चित्र अनावरण गोकुलचंद जैन दिल्ली, नागेंद्र गोयल नोयडा, सुशील जैन इटावा, दिलीप जैन जयपुर ने किया । दीप प्रज्ज्वलन मुख्य अतिथि सत्यपाल सिंह (सांसद बागपत) ने किया ।
पूज्य गुरुदेव की जयंती महोत्सव के अवसर पर आयोजित गुणानुवाद सभा में पूज्य मुनिश्री प्रभावना भूषण, आर्यिका द्रष्टिभूषण, आर्यिका सरस्वती भूषण, आर्यिका चन्द्रमती, आर्यिका अनुभूतिमती, क्षुल्लक योगभूषण, क्षुल्लिका पूजाभूषणमति, विद्वानों में सर्वश्री प्रतिष्ठाचार्य वा.व्र. जयकुमार निशांत टीकमगढ़, व्र.बहिन अनिता दीदी, भारती दीदी, रेखा दीदी सहित अनेकों साधर्मी बन्धुओं ने अपने विचार प्रकट किए । श्री त्रिलोकतीर्थ धाम बड़ागांव कमेटी के कार्याध्यक्ष महेंद्र जैन मधुवन दिल्ली ने जानकारी देते हुए बताया कि परम पूज्य गुरुदेव राष्ट्रऋषि, सिंहरथ प्रवर्तक, त्रिलोकतीर्थ प्रणेता पंचम पट्टाचार्य श्री विद्याभूषण सन्मतिसागर जी महाराज की पावन स्मृति को अविस्मरणीय रखने के लिए त्रिलोकतीर्थ धाम अतिशय क्षेत्र बड़ागांव (बागपत) में मनोहारी सुरभ्य गुरूमन्दिर का निर्माण कराया गया है । इस गुरु मन्दिर की विशेषता यह है कि इसमें उत्तर भारत के प्रथम दिगम्बराचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज (छाणी) परम्परा के सभी छः पट्टाचार्यो श्री सूर्यसागर जी, श्री विजयसागर जी, श्री विमलसागर जी, श्री सुमतिसागर जी, श्री सन्मतिसागर जी एवं श्री ज्ञानसागर जी महाराज के चरणों को स्थापित किया गया है । समाधिस्थ पूज्य गुरुदेव विद्याभूषण सन्मतिसागर जी महाराज की जन्म जयंती के पावन अवसर पर एलाचार्य श्री त्रिलोकभूषण जी, प्रभावना भूषण जी महाराज एवं समस्त मुनि, आर्यिका संघों के पावन सान्निध्य में 20 नबम्बर को इस गुरु मन्दिर का उदघाटन परम् गुरुभक्त श्रावक श्रेष्ठि रमेशचंद जैन (जग्गी डेरी) बड़ौत ने किया । गुरु मन्दिर के लिए पूज्य गुरुदेव की मूर्ति अविनाश जैन मेरठ एवं चरण श्यामलाल जैन पश्चिम विहार ने प्रदान किये है ।महोत्सव की समस्त धार्मिक क्रियाएं प्रतिष्ठाचार्य जयकुमार निशांत, टीकमगढ़ एवं पंडित अशोक शास्त्री, नवीन भैया ने सम्पन्न कराई ।
इस अवसर पर स्याद्वाद एकेडमी की बालिकाओं ने विद्याभूषण जी के जीवन पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया । जबलपुर के सुप्रसिद्ध भजन गायक प्रसन्नकुमार जैन ने सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी । विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमो में हटा निवासी अनिल-राहुल जैन (अहिंसा म्यूजिक ग्रुप) संगीत की स्वर लहरी से सभी को मंत्रमुग्ध किया ।
गुणानुवाद सभा का कुशल मंच संचालन श्रीमती नीरू जैन शकरपुर दिल्ली ने किया । इस अवसर पर त्रिलोकतीर्थ धाम में चातुर्मासरत सभी आर्यिका माताजी का पिच्छिका परिवर्तन का कार्यक्रम भी हुआ । उपस्थित साधर्मी बन्धुओं ने आर्यिका माताजी को पिच्छिका, वस्त्र एवं शास्त्र भेंट किये ।
कमेटी के अध्यक्ष गजराज गंगवाल, अधिष्ठाता राजेन्द्र जैन, कार्याध्यक्ष महेंद्र जैन ने सभी अथितियों का स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया । दो दिवसीय गुरूमन्दिर प्रतिष्ठा महोत्सव में राजेन्द्र जैन नोएडा की ओर से सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी । इस अवसर पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से हजारों की संख्या में गुरुभक्त परिवार उपस्थित थे ।