भुज में कच्छस्तरीय विशेष संगोष्ठी का आयोजन
भुज । युगप्रधान शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य डॉ मुनिश्री पुलकित कुमार जी की प्रेरणा से भुज महाप्रज्ञ नगर में कच्छ तेरापंथी क्षेत्रिय विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुनिश्री पुलकित कुमारजी के साथ मुनि निकुंज कुमारजी का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। संगोष्ठी की अध्यक्षता बाबूलाल सिंघवी ने की। कच्छ क्षेत्र से महासभा सदस्य शांतिलाल जैन, कीर्तिभाई संघवी, नरेंद्रभाई मेहता आदि ने मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए आगामी संभावित गुरुवर के विस्तृत प्रवास को सफल बनाने हेतु विचार रखें। तेरापंथी सभा भुज के अध्यक्ष वाडीलालभाई मेहता ने आगंतुक सभी का स्वागत किया। डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी ने कच्छ से समागत सभी कार्यकर्ताओं को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा पूज्य प्रवर ने कच्छवासियों पर महती कृपा कर विस्तृत प्रवास की घोषणा की है उसे सफलतम कैसे बनाएं इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को अभी से तैयार होना है। गुजरात की धरती पर कभी तेरापंथ का मर्यादा महोत्सव नहीं हुआ है वह इतिहास आप कच्छवासी बना सकते है। सन 2025 का मर्यादा महोत्सव कच्छ में हो यह अर्जी जल्दी से जल्दी आप गुरुवर के चरणों में लगाए। हम तो गुरुदेव के निर्देशानुसार अब महाराष्ट्र की तरफ विहार कर रहे हैं। मुनि निकुंज कुमारजी ने कहा गुरुवर के चरणों में हम आध्यात्मिक भेंट किस रूप में चढ़ा सकते हैं यह संकल्प स्वीकार करे, मुनिश्री के विहार की मंगल कामना करता हूं।
लगभग 3 घंटे चली संगोष्ठी में कार्यकर्ताओं के महत्वपूर्ण सुझावों के साथ विचार मंथन चला। अंत में मुनिश्री से प्राप्त प्रेरणा की क्रियान्विति करते हुए सर्वसम्मति से यही निर्णय लिया गया कि कच्छवासी सन 2025 के मर्यादा महोत्सव से लेकर होली चौमासा, महावीर जयंती, अक्षय तृतीया, पटोत्सव, जन्मोत्सव तक के सभी कार्यक्रम कच्छ में करवाने की अर्जी लेकर जल्द ही गुरुवर के चरणों में पहुंचेंगे । संगोष्ठी का एक महत्वपूर्ण उपक्रम यह रहा कि बाबूलाल सिंघवी द्वारा महाप्रज्ञ नगर भुज में तेरापंथ भवन से संबंधित भूमि को लेकर आश्वासन मुनिश्री एवं कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ। संगोष्ठी में भुज तेरापंथी सभा, युवक परिषद, महिला मंडल कार्यकारिणी के अलावा गांधीधाम, अदीपुर मांडवी ,माधापर, सूरत, अहमदाबाद आदि क्षेत्रों के लगभग 60-70 कार्यकर्ताओं ने सहभागिता दर्ज करवाई । सभी कार्यकर्ताओं ने मुनि श्री पुलकित कुमारजी, मुनि आदित्य कुमारजी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए विहार की मंगल कामना की।