Sunday, November 24, 2024

महानगरी कोलकोत्ता को अंतर्मना महापारणा महाप्रतिष्ठा महोत्सव पर विशेष वात्सल्य आमंत्रण

कोलकोत्ता। जैन जगत के महान साधक महोदधि उभयमासोपवासी अंतर्मना आचार्य १०८श्री प्रसन्न सागर जी महाराज के सिंहनिष्क्रीडित व्रत 557 दिन की अखंड मौन साधना में श्री सम्मेद शिखरजी, मधुबन में लीन हैं। जिसका महापारणा 28 जनवरी 2023 को भव्याती भव्य महामहोत्सव महाप्रतिष्ठा जो कि दिनांक 27 जनवरी से 3 फरवरी 2023 में होना निश्चित हुआ।
जिसका वात्सल्य आमंत्रण हेतु आज महापारणा महाप्रतिष्ठा महोत्सव समिति, सम्मेंद शिखर से समिति के अध्यक्ष ऋषभ जैन अहमदाबाद , समारोह समिति के स्वागताध्यक्ष सुभाष बड़जात्या, कोलकाता एवं समिति के सदस्य देवेंद्र जैन, कैलाश एवं मनोज जैन धुलियान, आकाश जैन ,इंदौर का कोलकाता आगमन पर गणिनी आर्यिका 105 विशाश्री माताजी के सान्निध्य में काकुरगाछी, चतुर्मास पंडाल में अंतर्मना गुरुभक्त परिवार, कोलकाता के तत्वाधान में आयोजित हुआ।
गुरुभक्त अजय जैन सरावगी ने संपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत काकुरगाछी महिला समिति के सदस्यों ने मंगलाचरण से किया।
शांतिलाल पाटोदी, सर्वेश पाटनी, कैलाश बड़जात्या, राजेंद्र गंगवाल एवं अनिल सरावगी ने दीप प्रज्वलन किया।
मंच संचालक ब्रह्मचारी तरुण भैया इंदौर के निर्देशन में भव्य रुप से गुरुभक्तों द्वारा गुरु‌ पूजा की गई, जिसमें उनका सहयोग मुन्ना लाल पहाड़िया ने दिया। भागचंद काला ने केंद्र समिति ,कोलकाता और निकटवर्ती के मंदिरों एवं समस्त संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं साधर्मी भाइयों का स्वागत करते हुए कहा अंतर्मना की भक्ति का ही प्रभाव हैं जिससे इतनी अपार समूह में लोग कार्यक्रम में उपस्थित हुए।
गणिनी आर्यिका 105 विशाश्री माताजी ने अपने उद्बोधन में अंतर्मना को नमन करते हुए कहा कि जैन सिद्धांत में अगर कोई 6 महीने का मौन रखता है तो वह कई सिद्धियों को प्राप्त करता हैं,आचार्य भगवान ने तो करीब 600 दिन की मौन साधना में लीन हैं तो उन्हें कितनी सिद्धीयां अपने आप प्राप्त हुई होगी, वह तो अकल्पनीय हैं। उन्होंने उनकी कठोर तपस्या के बारे में बताते हुए कहा किस तरह पहाड़ की ठंड में वह दिगंबर अवस्था में घंटो साधना में रहते हैं । उन्होंने गुरुभक्तो को आशीष देते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा आप सभी को महापारणा महामहोत्सव में शामिल होना चाहिए।
केंद्र समिति के ऋषभ जैन एवं आकाश जैन ने समारोह की भव्यता एवं समारोह की पात्रता के बारे में बताते हुए कोलकाता समाज के विशिष्ट जनों को निमंत्रण पत्रिका भेंट की। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए दिनेश पाटनी ने अंतर्मना का नमन करते कहा कि आपने कोलकाता में केंद्र समिति को भेजकर कोलकाता समाज के गुरुभक्तों पर अपना आशीष प्रदान किया हैं, उन्होंने केंद्र समिति के, मंदिरों एवं संस्था से पधारे पदाधिकारी एवं सधर्मी भाइयों को कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में महेंद्र पांड्या संतोष ललिता सेठी, अजीत सेठी, संदीप बड़जात्या,महेंद्र पाटनी, संजय काला एवं ललित सरावगी गणमान्य व्पक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेश गंगवाल वास्तु, विवेक गंगवाल, अशोक काला,आलोक बाकलीवाल, अभिषेक सेठी, रोशन सेठी, संजय ज्योति काला, मनीष बड़जात्या, धीरेंद्र गंगवाल, अमित पाटनी,आकाश टोंगिया, सुमित बगड़ा, राजेश कसलीवाल, सुनील पाटोदी,कंचन जैन सरावगी, रश्मि गंगवाल स्वेता गंगवाल आभा गंगवाल की भूमिका सराहनीय रही।

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