समकित मुनिजी की भीलवाड़ा शहर से विदाई में उमड़ा भावनाओं का सागर
कोठारी वाटिका में हुआ धन्यवाद यात्रा का समापन
भीलवाड़ा। सुनील पाटनी । पिछले करीब पांच माह से भीलवाड़ा शहर में चातुर्मासिक प्रवास कर रहे आगम मर्मज्ञ, प्रज्ञामहर्षि, वाणी के जादूगर डॉ. समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा शांतिभवन चातुर्मास सम्पन्न कर पिछले पांच दिन से निकाली जा रही धन्यवाद यात्रा के अंत में सोमवार को सांगानेर पहुंचे तो श्रावक-श्राविकाओं के मन की भावनाओं का सैलाब उफन सा पड़ा। भावुक भक्तगणों की गुरूदेव के प्रति श्रद्धा शब्दों से बयां होने के साथ नयनों से बहते श्रद्धाजल से भी उजागर हो रही थी। धन्यवाद यात्रा दिवस के अंतिम दिवस सुबह सांगानेर रोड स्थित यश सिद्ध स्वाध्याय भवन से विहार करके सांगानेर कोठारी वाटिका (फार्महाउस) पहुंचे। समकितमुनिजी म.सा. को शांतिभवन श्रीसंघ द्वारा आगम मर्मज्ञ की पदवी प्रदान करने पर धर्मसभा में सांगानेर श्रीसंघ एवं लाभार्थी सुराना परिवार ने आदर की चादर भी मुनिश्री को समर्पित कर अपनी भावना व्यक्त की। प्रवचन में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि संत-साध्वियों का आना-जाना होता है लेकिन कुछ चातुर्मास हमेशा के लिए यादगार बन जाते है। ऐसा ही यादगार चातुर्मास इस बार भीलवाड़ा शांतिभवन का रहा है। आपकी भावना, श्रद्धा व आस्था देखता हूं तो धन्यवाद शब्द भी थोड़ा सा कम पड़ रहा है। वाकई में आपकी श्रद्धा व भावना जीत गई और हमारा ये छोटा सा धन्यवाद शब्द आज स्वयं को हारा हुआ महसूस कर रहा है। मुनिश्री ने कहा कि आपके चेहरे देख रहा हूं और बहुत से चेहरो पर श्रद्धाजल भी नजर आ रहा है जो अनमोल है। भीलवाड़ा के श्रावक-श्राविकाएं करीब पांच माह जिनवाणी सुनते रहे स्वयं के अंदर समय-समय पर बदलाव का प्रयास भी किया। आगे भी जिनवाणी श्रवण करते रहे और जहां भी सुधार हो सकता उसे करते हुए आगे बढ़े। उन्होंने संग बिराजित रविन्द्रमुनिजी नीरज म.सा. को स्नेही मित्र बताते हुए कहा कि जहां आत्मीयता व अपनापन होता वहां बीच में कुछ नहीं रहता। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने भी प्रवर्तक अंबालालजी म.सा. राजस्थान सिंहनी यशकंवरजी म.सा., जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा., श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्यमुनिजी म.सा., प्रवर्तक मदनमुनिजी म.सा., प्रवर्तक पन्नालालजी म.सा., मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा. आदि का स्मरण करते हुए भीलवाड़ावासियों की भक्ति भावना की तारीफ करने के लिए शब्द नहीं है। भीलवाड़ावासियों से श्रद्धा व धर्म का रिश्ता पुराना है और पता नहीं ये रिश्ता क्या कहलाता है। उन्होंने शांतिभवन में हुए चातुर्मास को अविस्मरणीय बनाने के लिए श्रीसंघ अध्यक्ष राजेन्द्र चीपड़, मंत्री राजेन्द्र सुराना, चातुर्मास संयोजक नवरतनमल बम्ब, वित्त संयोजक मनोहरलाल सूरिया सहित सभी पदाधिकारियों, युवक मंडल एवं महिला मंडल के पदाधिकारियों व सदस्यों की सेवाओं की सराहना करते हुए भीलवाड़ा के सभी श्रावक-श्राविकाओं के लिए मंगलकामनाएं व्यक्त की। धर्मसभा में रविन्द्रमुनि नीरज ने कहा कि वाक्य, संवाद और विवाद में सबसे महत्वपूर्ण संवाद है। संवाद में भावों का आदान-प्रदान होता है। संवाद गलत तो विवाद और सही हुआ तो धन्यवाद में बदल जाता है। उन्होंने कहा कि जीवन अनमोल है और इसके माध्यम से उपकार करें। समकितमुनिजी ने जिनशासन सेवा का जो माध्यम दिखाया उस पर चलना है। पदो के चक्कर में नहीं पड़कर कार्यकर्ता बनना है। हम काम बनाने वालों में रहना है न कि बिगाड़ने वाला बनना है। उन्होंने भीलवाड़ा में हुए ऐतिहासिक चातुर्मास के लिए बधाई दी। धर्मसभा के शुरू में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने गीत ‘गुरूवर सा थारी महिमा छाई है चारो ओर’ पेश किया। प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य मिला। सांगानेर श्रावक संघ के अध्यक्ष शांतिलाल सुराना ने श्रीसंघ की ओर से एवं कैलाश कोठारी ने सांगानेरवासियों की ओर से मुनिवृन्द का स्वागत-अभिनंदन किया। धर्मसभा में शांतिभवन चातुर्मास संघ के संयोजक नवरतनमल बम्ब, संगीता सुराना, अर्हम सुराना, महावीर युवक मंडल के मंत्री अनुराग नाहर-शिखा नाहर, जयप्रकाश आंचलिया, अरूणा पोखरना आदि ने भी गीतों व विचारों के माध्यम से मन की भावनाएं व्यक्त की। संचालन शांतिभवन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने किया। समकितमुनिजी का शांतिभवन का चातुर्मास सफल बनाने में सेवाएं देने वाले विभिन्न पदाधिकारियों का संागानेर श्रीसंघ एवं आयोजन के लाभार्थी सुराना परिवार की ओर से स्वागत-सम्मान भी किया गया।
समकितमुनिजी का कोटड़ी में दो दिवसीय प्रवास 17 नवंबर से
पूज्य समकितमुनिजी का 15 नवंबर का प्रवचन सांगानेर से कुछ दूर स्थित खमेसरा फार्महाउस पर सुबह 9 बजे से रहेगा। इसी तरह 16 नवम्बर को कोदूकोटा रोड पर कृषि कॉलेज के पास इलेक्ट्रिक डीलर एसोसिएशन के फार्महाउस पर प्रवचन होगा। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. का 17 व 18 नवम्बर का प्रवास कोटड़ी में रहेगा। इस दौरान धर्मभावना से ओतप्रोत कार्यक्रमों का आयोजन होगा। विहारयात्रा के तहत समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के 20 नवंबर तक शाहपुरा पहुंचने की संभावना है।