विशाल जुलूस के साथ स्वस्ति भूषण माताजी ससंघ का दौसा के श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में हुआ भव्य मंगल प्रवेश

जयपुर/दौसा । भारत गौरव, स्वस्ति धाम प्रणेत्री गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ससंघ का सोमवार,14 नवम्बर को दौसा शहर के श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। प्रातः 8 बजे जैन बन्धुओं ने सैंथल मोड स्थित ओसवाल पैट्रोल पम्प पर आर्यिका संघ की अगुवानी की। वहाॅं से गाजे बाजे के साथ जैन समाज के लोग नाचते गाते शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुये आर्यिका संघ को लेकर आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर पहुंचे। इस दौरान जगह जगह लोगों ने गुरू माॅं की आरती उतारकर, पाद प्रक्षालन कर आर्शीवाद लिया। आदिनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर गुरू माॅं का 21 थालियों में पाद प्रक्षालन किया। इस दौरान मंदिर परिसर भगवान के जयकारों से गुंजायमान हो गया। आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में चार्तुमास कर रहे उपाध्याय उर्जयन्त सागर मुनिराज व आर्यिका रत्न स्वस्ति भूषण माताजी का मंगल मिलन हुआ।
इस मौके पर धर्मसभा का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत रंजना जैन ने मंगलाचरण से की। इसके बाद आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने अपने आशीर्वचन में बाल दिवस पर बोलते हुये कहा कि आजकल बेवकूफ बच्चे पैदा होना बंद हो गये हैं। नई प्रतिभावान पीढी को सही दिशा दिखाना समाज का महत्वपूर्ण व आवश्यक कार्य है, नही तो इनकी प्रतिभा का उपयोग गलत हो जायेगा। माताजी ने कहा कि समय के साथ सब कुछ बदल जावे लेकिन देव ,शास्त्र, गुरु की भक्ति मत बदलना। धर्म की अंगुली पकड़कर चलते रहेंगे तो जीवन धन्य हो जाएगा। यदि धर्म छूट गया तो जीवन में विपदाओं की बाढ लग जाएगी। उन्होंने दौसा मंगल प्रवेश को वात्सल्य प्रवेश बताया। इस अवसर पर उन्होंने दौसा में जैन पाठशाला शुरु करने के लिए महिला-पुरूषों की एक टीम का गठन किया। पूज्य उपाध्याय उर्जयन्त सागर महाराज ने प्रवचन देते हुये कहा कि दौसा के लोगों का सौभाग्य है कि भारत गौरव, आर्यिका रत्न, स्वस्ति धाम प्रणेत्री, आर्यिका माताजी का दौसा में आगमन हुआ है। एक जैन श्रावक को पिच्छी व कमंडल का उपासक होना चाहिए और हर जैन मुनि व आर्यिका संघ का प्रवेश-आहार-विहार पूरी भक्ति व श्रद्धा के साथ कराना चाहिए। उन्होनें कहा कि जिस प्रकार एक रथ को चलाने के लिए चार पहियों की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार धर्मरूपी रथ को आगे बढाने के लिए मुनि-आर्यिका व श्रावक-श्राविका रूपी चार पहियों की बहुत जरूरत है। अगर एक भी पहिया अपने दायित्व व कर्तव्य से पीछे हटा तो धर्म का पहिया वहीं रूक जायेगा।


कार्यक्रम का संचालन सुधीर जैन एडवोकेट ने किया। कार्यक्रम के अंत में जैन समाज के अध्यक्ष आलोक जैन नीमला व महामंत्री प्रवीण जैन नेतावाला ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर जयपुर से पधारे श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा के मंत्री हेमन्त सौगानी, राजस्थान जैन सभा जयपुर के अध्यक्ष एवं श्री दिगम्बर जैन पद यात्रा संघ जयपुर के संरक्षक सुभाष चन्द जैन, भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी राजस्थान के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध वास्तुविद राज कुमार कोठयारी, भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा राजस्थान के अध्यक्ष कमल बाबू जैन, राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री एवं राजस्थान जैन सभा जयपुर के मंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा, रमेश ठोलिया,जे एम जैन, सुरेश काला, जिनेन्द्र जैन जीतू, प्रकाश चांदवाड,पी सी छाबड़ा, अशोक बाकलीवाल, शिखर चन्द कासलीवाल,अमर दीवान खोराबीसल, राकेश पाटनी, नरेश कासलीवाल,पवन जैन, राजेन्द्र जैन मोजमाबाद, सहित दौसा जैन समाज के सुधीर जैन एडवोकेट, बाबूलाल जैन, प्रेमचंद जैन, राकेश जैन, राजेन्द्र जैन, पारस टहटडा, विमल चंद जैन, गौरव जैन एडवोकेट, संजय जैन, निर्मल जैन, रजनीष जैन, मंजू जैन, मणि मोरा, पुष्पलता जैन सहित समाज के महिला-पुरूष बडी संख्या में मौजूद थे।