जयपुर। जयपुर ज़िले की डूँगरी कला पंचायत के सांगाका बास जैन मन्दिर में मूल नायक जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर श्री 1008 भगवान सम्भव नाथ का जन्म कल्याणक मंगलवार को ज़ोर शोर से भक्ति भाव व श्रद्धा के साथ मनाया गया । श्रावकों ने भगवान का अभिषेक कर विश्व शांति हेतु शांतिधारा की । शांति धारा का सोभाग्य माल चंद चोमू, सोभाग अजमेरा, कमलेश पाटनी, सुनील सेठी व बालक आदित बिलाला जनकपुरी जयपुर को मिला । इसके बाद समाज ने सम्भव नाथ भगवान की साज बाज के साथ संगीत मय पूजन व भगवान सम्भव नाथ का आचार्य विशद सागर जी लिखित विधान भक्ति के साथ किया । विधान क़रीब चार घंटे चला जिसमें सभी ने बिना किसी आकुलता के झूम झूम के भक्ति करते हुए सम्भव नाथ का जन्म कल्याण मनाया ।
संभव जिन के चरन चरचतें, सब आकुलता मिट जावे |
निज निधि ज्ञान दरश सुख वीरज, निराबाध भविजन पावे |
छोटे से गाँव सांगाके बास के अतिशय कारी सम्भव नाथ का मंदिर क़रीब पाँच सो वर्ष पुराना बताते है तथा कहावत है कि – हर असम्भव हो सम्भव ,आयें सांगा का बास ,सम्भव के दर्शन से ,पूर्ण हो मन की सब आस । मन्दिर समिति के अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि आज के विधान के पुण्यार्जकश्रेष्ठी माल चंद, ज्ञान चंद, लाल चंद चोमू वालों का परिवार था तथा आज के कार्य क्रम में आगरा, जयपुर, जोबनेर, चोमू, कालाडेरा, डूँगरी, किशनगढ़ रेनवाल ,रायथल, करनसर, घिनोई ,राधाकिशनपुरा आदि स्थानो से पधारे सैंकड़ों सम्भव भक्तों ने भाग लिया । रेनवाल से भाद्रपद में बत्तीस उपवास करने वाली तपस्वी ममता गंगवाल , गायक भक्त नरेंद्र काला आदि का समाज द्वारा सम्मान किया गया । बाहर से पधारे प्रमुख श्रावकों में मदन लुहाड़िया, राजेंद्र पाटनी, मदन बड़जात्या, कमल लुहाड़िया, अरुण कुमार, संजय कुमार, आशीष ठोलिया आदि थे । विधान का कार्य चोमू के विधानाचार्य प. वैभव शास्त्री ने व सहयोगी विरेंद्र ने सानंद सम्पन्न कराया । कार्यक्रम भगवान सम्भव नाथ की मंगल आरती के साथ सम्पन्न हुआ ।