50वे आचार्य पदारोहण दिवस पर देशभर में एकसाथ सायकाल 8 बजे होगी महाआरती

भारत वर्षीय जैन समाज पर आचार्य श्री का अपूर्व उपकार -विजय धुर्रा
10 नबम्वर को अंचल में मनाया जायेगा आचार्य पद दिवस

अशोक नगर । जैन दर्शन के प्रमुख संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 50वे आचार्य पद दिवस पर देशभर में महा आरती का सामूहिक आयोजन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर तथा दिगम्बर जैन महिला महासमिति के तत्वावधान में परम पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्री सुधासागर जी महाराज के आशीर्वाद से दस नम्बर को मनाया जा रहा है । इसके तहत देशभर के सभी मन्दिरों में शाम को ठीक आठ बजे एक साथ देश भर में महा आरती होगी जिससे इसे विश्व रिकॉर्ड में सामिल किया जा सके। इसकी सम्पूर्ण तैयारीयां पूज्य ऐलक श्री धैर्य सागरजी महाराज के मार्ग दर्शन में सुशीला पाटनी आर के मार्बल व शीला डोडिया राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला महासमिति जयपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही है । इसके साथ ही जिनालयों में उपस्थित संत सान्निध्य में अभिषेक शान्ति धारा के साथ पूजन उपरान्त आचार्य श्री की महाआराधना होती।
देश के लिए आचार्य श्री ने किए अनेक उपकार
मध्यप्रदेश महासभा के संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनि राज एक ऐसे महा मनीषी है जो आध्यात्म के साथ कठोर साधक होते हुए भी अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के बारे में सोचते हैं । यही कारण है उन्होंने गरीबों को अहिंसक रोजगार देने के लिए हस्तकरघा की प्रेरणा दी । आज देश केन्द्रीय जेल सहित देश की अनेक जेलो मे हथ करघा के माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है । वहीं दूसरी ओर सर्व साधारण को शुद्ध अहिंसक वस्त्रो की प्राप्ति हो रहीं हैं। दयोदय गौशालाओं के द्वारा लाखों गायों को जीवन मिल रहा है ।आचार्य श्री की दृष्टि राष्ट्रीय एकता की ओर गई तो उन्होंने भाषा पर जोर दिया हर कार्य राष्ट्रभाषा हिन्दी में होगा तो देश की एकता को बल मिलेगा नारी गौरव बढ़ाने के लिए बेटियो को संस्कारित शिक्षा की आवश्यकता को महसूस की । उसके लिए बेटियों को संस्कारित शिक्षा का आयाम स्थापित कराया : आचार्य श्री की प्रेरणा से प्रतिभा स्थली के रूप में संस्कारित शिक्षा के लिए देश के अनेक भागों में आपकी प्रेरणा से प्रतिभा स्थलीयो में ब्रति बहनों द्वारा शिक्षा दी जा रही है चिकित्सा क्षेत्र में देश की प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा को प्रोत्साहन देते हुए पुण्य आयु चिकित्सा संस्थान जहां विद्यार्थी शोध कर चिकित्सा जगत को कुछ देने की तैयारी कर रहे हैं । वहीं एक हजार बिस्तर के विशाल चिकित्सालय का निर्माण संस्कारधानी जबलपुर में किया जा रहा है । आचार्य श्री ने संस्कृति और संस्कारों के लिए देश के लिए जो मार्ग दर्शन दिया है वह आगामी पीढ़ियों के लिए मील का पत्थर होगा ।