सद् संस्कार आज की परम आवश्यकता
भुज । युगप्रधान शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी के सानिध्य में संस्कार संवर्धन कार्यशाला (शिविर) का आयोजन तेरापंथ भवन भुज में हुआ। शनिवार और रविवार दीपावली वेकेशन में प्रातः 9:00 से 12:00 बजे तक और दोपहर 3:00 से 6:00 बजे तक 2 सेशन में चली कार्यशाला में ज्ञानशाला, किशोर मंडल एवं कन्या मंडल भुज के लगभग 65 बच्चों ने भाग लिया। संस्कार संवर्धन के अंतर्गत अनेक क्लासेस में जाने तेरापंथ को, मित्र की महानता तथा सेवा परमो धर्म आदि विषयों पर डॉ मुनिश्री पुलकित कुमार जी ने प्रशिक्षण प्रदान किया। नचिकेता मुनि आदित्य कुमार जी ने कैसे करें स्वयं को मैंनेज इस विषय पर क्लास ली। चंद्रिकाबेन ने श्रावक नु घर जयना नु मंदिर विषय को विस्तार से समझाया। उलट-पुलट का खेल, विविध भारती तथा क्विज प्रश्नमंच आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। मुनिश्री पुलकित कुमारजी ने संस्कार संवर्धन की महत्ता उजागर करते हुए कहा धार्मिक संस्कारों को टिकाए रखने के लिए ऐसे शिविरों की आज परम आवश्यकता है इस तरह से ही बालकों को संस्कारों से समृद्ध किया जा सकता है ।सद् संस्कारों के बिना जीवन का उपवन अधूरा और सुना सुना रह जाता है।सभी बच्चे उत्साह से में भाग ले रहे हैं यह शुभ भविष्य का उत्साह जीवन निर्माण के लिए उपयोगी रहता है। तेरापंथी सभा भुज के अध्यक्ष वाड़ीभाई मेहता ने सभी का अभिवादन किया। कन्या मंडल बालिकाओं ने गीत का संगान किया। ज्ञानशाला की प्रशिक्षकों अमिता मेहता, भारतीबेन शाह ,लताबेन शाह, पूजा दोशी,श्वेता दोशी, दीप्ति मेहता, वीणा मेहता ,भाग्यवंती बाबरिया, महेश गांधी, भरत भाई बाबरिया आदि प्रशिक्षकों ने कार्यशाला को सफल बनाने में पूरी मेहनत की। प्रतियोगिता में फर्स्ट आने वाले बालक बालिकाओं को पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया।