Saturday, September 21, 2024

इस तरह मनाया प्रेम और समर्पण का महापर्व

उदयपुर। पति-पत्नी के आपसी प्रेम और समर्पण का महापर्व करवा चौथ लेकसिटी में गुरुवार को दिन भर बिना कुछ खाए-पीए रहकर सुहागिनो ने अपने पति की लंबी आयु, सुखी जीवन, सौभाग्य और समृद्धि की कामना के साथ रात को चंद्रमा के दर्शन कर मनाया। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। यह सुहागिनों के सबसे बड़े त्योहार में से एक है। इस खास दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निराहार और निर्जल रहती हैं। शाम को सोलह श्रृंगार करके माता की पूजा कर कथा सुनती हैं फिर रात को चांद के निकलने पर अर्ध्य देते हुए पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं। ज्योतिषियों के अनुसार आज का दिन यानी गुरुवार को पूरे 46 वर्षों बाद सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले गुरु ग्रह अपनी स्वयं की राशि में रहने से एक ख़ास और सुखद संयोग बना है। जिसमें सुहागिनों ने चंद्रमा उदय होने पर दर्शन कर उनकी पूजा की। पूजा के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर उनके माथे तिलक लगाया और व्रत खोला। इसके बाद अपनी सासू मां के पैर छूकर आशीर्वाद लेते करवा भेंट किए। शहर में कई स्थानों पर जाति समुदायों की ओर से सामूहिक रूप से व्रत कथा सुनी गई और उद्यापन भी सम्पन्न हुए।

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