उत्तराध्ययन आगम की 27 दिवसीय आराधना का 14 वां दिन
भीलवाड़ा। सुनील पाटनी । संसार की शरण छोड़ धर्म की शरण लेनी होगी। धर्म ही आत्मा को तार सकता है। जिस दिन घर पिंजरा या कैदखाना समान महसूस होने लगेगा उसे दिन घर छूट जाएगा। काम, क्रोध जब तक रहेंगे तब तक दुःख दूर नहीं होंगे। मानव को अपनी मंजिल मोक्ष मान उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। मंजिल प्राप्त करने के लिए योजना बनाकर कार्य करना होता है। ये विचार श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने शांतिभवन में बुधवार को परमात्मा भगवान महावीर की अंतिम देशना उत्तराध्ययन आगम की 27 दिवसीय आराधना ‘‘आपकी बात आपके साथ’’ के 14 वें दिन व्यक्त किए। इसके तहत आगम के 36 अध्यायों में से 15 वें अध्याय सभिक्खु एवं 16वें अध्याय ब्रह्ाचर्य समाधि का वाचन करने के साथ इसके बारे में समझाया गया। उन्होंने कहा कि साधक, संयमी व भिक्षु को हमेशा अलर्ट रहना चाहिए ताकि आलस्य भाव नहीं आए। जिदंगी में जब दुःख दर्द आए तो चिल्लाना नहीं बल्कि सहायता से मना करने वालों को भी कोसने की बजाय उसकी मजबूरी को समझे। मुनिश्री ने कहा कि ब्रह्चर्य की साधना के लिए स्त्री-पुरूषों को कई नियमों की पालना करनी होती है। सह शिक्षा प्रणाली भी इस साधना में बाधक है। किसी को भी टकटकी लगाकर नहीं देखना चाहिए। अब तो सरकार ने भी धूरने को अपराध की श्रेणी में मान लिया है। ब्रह्चर्य की साधना करने वालों को गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए और भोजन की साधना करते हुए पेट भर के खाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि परमात्मा के सिद्धांत हमारी सुरक्षा के लिए है। हम इन छोटी-छोटी क्रियाओं को माने तो परमात्मा की वाणी हमारे लिए कल्याणकारी है। शुरू में गायन कुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने प्रेरक गीत प्रस्तुत किया। प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य मिला। लक्की ड्रॉ के माध्यम से भाग्यशाली श्रावक-श्राविकाओं को प्रभावना में चांदी के सिक्के लाभार्थी परिवारों द्वारा प्रदान किए गए। धर्मसभा का संचालन शांतिभवन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने किया।
आपके प्रश्न आपके उत्तर प्रतियोगिता का आयोजन
परमात्मा भगवान महावीर की अंतिम देशना उत्तराध्ययन आगम की 27 दिवसीय आराधना ‘‘आपकी बात आपके साथ’’ के प्रथम 12 अध्यायों के आधार पर प्रवचन के बाद प्रतियोगिता आपके प्रश्न आपके उत्तर का आयोजन किया गया। महिला मंडल की अध्यक्ष स्नेहलता चौधरी व मंत्री सरिता पोखरना ने इसका संचालन किया। इसमें प्रथम अध्यायों के आधार पर मौखिक सवाल किए गए और सर्वाधिक सही जवाब देने के आधार पर विजेताओं का चयन किया गया। प्रतियोगिता में प्रथम संगीता नागौरी, द्वितीय सुमित्रा लोढ़ा एवं तृतीय शकुंतला गोखरू रहे। विजेताओं ने पूज्य समकितमुनिजी से भी आशीर्वाद प्राप्त किया।
महावीर निर्वाण कल्याणक पर तेला तप आराधना 22 से
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने बताया कि भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक के उपलक्ष्य में तेला तप आराधना 22 अक्टूबर से शुरू हो रही है। अधिक से अधिक श्रावक-श्राविकाओं को इसमें सहभागिता निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी श्रावक-श्राविकाएं तेला तप आराधना करना चाहे वह भवान्त मुनिजी म.सा. एवं महिला मंडल की मंत्री सरिता पोखरना से सम्पर्क कर कूपन प्राप्त कर सकते है।