पदमपुरा अतिशय क्षेत्र में मूलनायक भगवान पद्म प्रभ के ऊपर 45फुट के और उत्तंग भव्य पद्म बल्लभ शिखर की जयकारों के बीच रखी आधारशिला
जयपुर । पूर्व जन्मों के फल से ही मंदिर जीर्णोद्धार का पुण्यार्जन मिलता है। धर्म और किये गये दान , दोनों की जड़ हमेशा हरी होती है। अतः अपनी चंचला लक्ष्मी का उपयोग करते हुए खुले हृदय से धर्म और दान करना चाहिए। ये उदगार रविवार को गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा बाड़ा में मूलनायक भगवान पद्म प्रभ के ऊपर 45फुट के और उत्तंग भव्य पद्म बल्लभ शिखर की आधारशिला रखने वाले शिलान्यास समारोह में व्यक्त किए। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण शामिल हुए। अध्यक्ष एडवोकेट सुधीर जैन एवं मानद् मंत्री एडवोकेट हेमन्त सोगानी ने बताया कि प्रातः 7.00 बजे मूलनायक प्रतिमाजी के जयकारों के बीच अभिषेक तथा शांतिधारा की गई। तत्पश्चात माताजी ससंघ के सानिध्य में प्रातः 9.15 बजे मूलनायक प्रतिमा के गर्भ गृह के ऊपर 45फुट के और उत्तंग भव्य पद्म बल्लभ शिखर के शिलान्यास का समारोह हुआ। मंगलाचरण,चित्र अनावरण के बाद दीप प्रज्जवलन किया गया। अतिथियों के स्वागत व सम्मान के बाद पं.अनिल जैन शास्त्री के निर्देशन में मंत्रोच्चार के साथ शिला पूजन किया गया। प्रसिद्ध वास्तुविद राज कुमार कोठारी के निर्देशन में आयोजित समारोह में मुख्य दीपक विराजमान करने का पुण्यार्जन हेमन्त-पुष्पा सोगानी को प्राप्त हुआ।
आधार शिला रखने का पुण्यार्जन समाजश्रेष्ठी सुधीर-इंदिरा जैन दौसा वाले, महावीर-शशि पहाड़ियां, हेमन्त-पुष्पा सौगानी,अनिल-स्वाति जैन, नेमीचंद-सुमित्रा जैन को तथा शिखर की मुख्य शिला रखने का पुण्यार्जन समाजश्रेष्ठी कैलाश , राजेन्द्र -इंदिरा बिलाला आकोडिया वालों ने किया। जयकारों के बीच शिलान्यास समारोह सम्पन्न हुआ। युवा समाजसेवी चेतन जैन निमोडिया ने 30 अक्टूबर को होने वाले माताजी के जन्म जयंती समारोह एवं पिच्छिका परिवर्तन समारोह की जानकारी दी। समारोह में सुरेन्द्र पाण्डया, जितेन्द्र मोहन जैन, डॉ जी सी सोगानी,सीए एन के जैन, सुबोध चांदवाड, जिनेन्द्र जैन जीतू सहित बड़ी संख्या में मंदिर कमेटी सदस्य एवं श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
