Saturday, September 21, 2024

परोपकार के कार्यों में जैन समाज सदैव अग्रणी : बी डी कल्ला

सन् 1885 से निरन्तर अग्रसर श्री दिगम्बर जैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय में नवनिर्मित ‘स्वरुप आडिटोरियम ‘ का हुआ लोकार्पण
मुख्य अतिथि शिक्षा कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने किया उदघाटन

जयपुर । परोपकार एवं सेवा के कार्यों में जैन समाज हमेशा अग्रणी रहा है।जैन समाज अपनी चंचला लक्ष्मी एवं शक्ति को पीड़ित मानवता की सेवा में उपयोग करता है।ये उदगार शिक्षा,कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने रविवार को शहर की सबसे प्राचीन दिगम्बर जैन संस्था श्री दिगम्बर जैन संस्कृत शिक्षा समिति, जयपुर द्वारा संचालित सन् 1885 से जैन- धर्म- दर्शन, संस्कृत एवं जैनागम के शिक्षण में निरन्तर अग्रसर श्री दिगम्बर जैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय,वीरोदय नगर, सांगानेर में नवनिर्मित ‘स्वरुप आडिटोरियम’ के उदघाटन समारोह में व्यक्त किए। इस मौके पर बड़ी संख्या में गणमान्य श्रेष्ठी एवं जैन बन्धु उपस्थित थे। श्री दिगम्बर जैन संस्कृत शिक्षा समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस नरेश कुमार सेठी एवं मंत्री महेश चन्द्र जैन चांदवाड ने बताया कि डॉ बी डी कल्ला रविवार को प्रातः 10.30 बजे से आयोजित इस उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इससे पूर्व भगवान महावीर के चित्र के समक्ष डॉ बी डी कल्ला,स्वरुप चन्द सेठी,नन्द किशोर पहाड़ियां,कमल कुमार बड़जात्या, अनिल पाटनी दीवान, देवेन्द्र कुमार जैन के प्रतिनिधि सीए सतीश अजमेरा ने दीप प्रज्जवलन किया एवं शिला पट्टिका का अनावरण किया गया। आडिटोरियम के मंच पर महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा मंगलाचरण के बाद पुनः दीप प्रज्जवलन किया गया।मानद् मंत्री महेश चन्द्र चांदवाड ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि सन् 1885 में आषाढ कृष्णा पंचमी को जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह के शासनकाल में विद्या गुरु राम बहादुर बाबू कान्ति चन्द्र मुखर्जी प्रधानमंत्री जयपुर राज्य के करकमलों से महापाठशाला की स्थापना हुई थी।


शिक्षा समिति के अध्यक्ष एवं रिटायर्ड आईएएस अधिकारी नरेश कुमार सेठी ने संस्था की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सन् 1885 से आज तक 137 वर्षों से यह परम्परा निरन्तर अक्षुण्ण और सुविकसित है। इस दीर्घ काल में अनेक विषम परिस्थितियों के मध्य अपने आदर्शों, सिद्धांतों एवं उद्देश्यों को सुरक्षित रखते हुए सम्पूर्ण देश में जैन दर्शन,धर्म, साहित्य और संस्कृति के प्रचार प्रसार तथा अध्ययन-अध्यापन का महत्व पूर्ण कार्य किया है। बड़े बड़े विद्वान व गणमान्य लोगो ने इस संस्था में अध्ययन किया है। सेठी ने शिक्षा मंत्री डा बी डी कल्ला से मांग की ,कि राज्य सरकार को 100 वर्ष से प्राचीन शिक्षण संस्थाओं को ग्राफ्ट इन एंड अनुदान देना चाहिए। इस मौके पर समिति को तकनीकी सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले तथा आर्थिक सहयोग प्रदान करने वाले महानुभावों का समिति की ओर से सम्मान किया गया।इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। डॉ स्वाति अग्रवाल,गौरवी गुप्ता,एश्ली मित्तल, डॉ गीता रघुवीर द्वारा कत्थक नृत्यों की प्रस्तुति दी गई।मंच संचालन मृदुला पाटनी एवं मृदुल भसीन ने किया। उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार पाटनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मानद् मंत्री महेश चन्द्र चांदवाड ने सभी को वात्सल्य सहभोज के लिए आमंत्रित किया। इस मौके पर दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी के अध्यक्ष एडवोकेट सुधांशु कासलीवाल, जस्टिस एन के जैन, राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन, महामंत्री मनीष बैद, मंत्री विनोद जैन कोटखावदा, दिगम्बर जैन महासमिति के अंचल अध्यक्ष अनिल जैन, महामंत्री महावीर बाकलीवाल, इंजीनियर पी सी छाबड़ा, रमेश गंगवाल, योगेश टोडरका,अनिल छाबड़ा, अशोक पाटनी, विनोद छाबड़ा’मोनू’, डॉ शीला जैन सहित बड़ी संख्या में विद्वतजन, गणमान्य श्रेष्ठी,समाज बन्धु, महाविद्यालय के अध्यापक गण, छात्र-छात्राऐ शामिल हुए।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article