Saturday, November 23, 2024

भगवान से मिलते रहोगे तो पाप का क्षय और पुण्य बंध होता रहेगा : मुनि संबुद्ध सागर जी

     अजमेर। अनिल पाटनी।  तीर्थंकर जैसी धारा को प्राप्त करने के लिए, माया धर्म का आश्रय नही लेना पड़ता है, सत्यार्थ तत्व का निर्णय लेना पड़ता है यह बात मुनि संबुद्ध सागर महाराज ने 24 दिवसीय प्रभु आराधना के दूसरे दिन पंचायत छोटा धडा नसियां प्रवचन मे कहा । मुनि श्री ने कहा कि भगवान से मिलते रहोगे तो पाप क्षय,पुण्य बंध होता रहेगा और भावो से मिलते रहोगे तो पुण्य-पाप दोनों का क्षय करके भगवान बन ही जाओगे,समय देना सीखो,जैसे श्री जिनालय में समय देते हो ना, ऐसे अपने भावो में प्रवेश करने के लिए समय देना चाहिए। 24 दिवसीय 24 तीर्थकर प्रभु आराधना महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को सुबह सर्वप्रथम जिनेन्द्र भगवान के प्रासुक जल से अभिषेक , शांतिधारा तत्पशचात संगीतमय नित्य नियम व अजितनाथ भगवान पूजन की गई,जयपुर से पधारे संगीतकार मनोज जैन के गाए भजन "मेरे अजितनाथ भगवान तेरा जग में डंका बाज रहा" को विशेष रूप से सराहा गया,पदम चन्द सोगानी ने बताया विधान में इंद्र टिकम चन्द-मनीष गदिया एवं श्रद्धालुओं ने अष्ट द्रव्यों से पूजन की और मंडल पर अर्ध समर्पित किए विधान के इन्द्र गदिया परिवार का समिति इनका समिति अध्यक्ष सुशील बाकलीवाल, महामंत्री कोमल लुहाडिया,नरेन्द्र गोधा,नितिन दोसी ने अभिनंदन पत्र देकर स्वागत किया । इस अवसर समिति सुशील बाकलीवाल,अनिल गदिया,कोमल लुहाडिया, लोकेश ढिलवारी,पीयूष गदिया,नूतन देवी गदिया, शशीकला गदिया आदि मौजूद थे।
भगवान अजितनाथ चालीसा एवं संगीतमय महाआरती
पदम चन्द सोगानी ने बताया कि शाम को संगीतमय भगवान अजितनाथ चालीसा ,जाप्य स्तवन व महाआरती का आयोजन किया गया। जिनेन्द्र प्रभु के समक्ष श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से नृत्य किये । 

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article