Saturday, November 23, 2024

रोटी बनाने मे भी ध्यान चहिए : आर्यिका श्री स्वस्तिभूषण माताजी

पदमपुरा, जयपुर । स्वस्तिधाम प्रणेता आर्यिका श्री स्वस्तिभूषण माताजी का मंगल चातुर्मास अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा मे चल रहा हैं । धर्म सभा मे मंगल प्रवचन मे आर्यिका श्री ने बताया कि हम ध्यान पर कई बार सुन चुके हैं, ध्यान का ध्यान नहीं रहता, ध्यान शब्द का प्रयोग करते हैं पर उसके अर्थ से परिचित नहीं हैं , बच्चों से कहते हो ध्यान से पढ़ना, ड्राइवर से कहते हो ध्यान से गाड़ी चलाना बेटी से कहते हो ध्यान से रोटी बनाना अर्थात यदि एकाग्रता से रोटी नहीं बनाओगे तो जल जाएगी ध्यान से पढ़ाई नहीं करोगे तो विषय समझ नहीं आएगा , ध्यान से गाड़ी नहीं चलाओगे तो एक्सीडेंट हो जाएगा इसीलिए गृहस्थी में भी ध्यान की एकाग्रता आवश्यक है । मुख्य समन्वयक रमेश ठोलिया ने बताया कि आर्यिका श्री ने आगे बताया कि ध्यान दो तरह का होता है शुभ ध्यान ( शुभ कर्म ) अशुभ ध्यान (अशुभ कर्म ) अशुभ कर्म यहां पर अनर्थ दंड में अप ध्यान अशुभ ध्यान को मना किया हैं। अशुभ् से पाप का बंद होता हैं । इस अप ध्यान की व्याख्या अलग-अलग आचार्य ने अलग-अलग तरह से की है।

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