जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में आज वरिष्ठ वकीलों ने वरिष्ठ अधिवक्ता सुखदेव व्यास को श्रद्धांजलि अर्पित की और धरना स्थल पर शोक सभा की।
75 वर्षीय व्यास को कई हाई कोर्ट जजों ने वरिष्ठ अधिकता का दर्जा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा था और उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता के मनोनयन के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था लेकिन हाईकोर्ट की कमेटी ने उनका मनोनयन नहीं किया और तब से वे सदमे में थे उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश और राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा था कि कई हाई कोर्ट जजों के कहने पर उन्होंने मनोनयन के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया प्रस्तुत किया था और उनका मनोनयन नहीं करके उनका अपमान किया गया है जबकि वे 1973 से राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत कर रहे थे। वरिष्ठ अधिवक्ताओं के मनोनयन में अनियमितताओं को लेकर 25 जनवरी से धरना दे रहे वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि अभी भी कई वहीं से अधिवक्ता सदमे में है हाई कोर्ट को तुरंत पुनर्विचार कर कुछ वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता का सम्मान देना चाहिए। अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी ने व्यथित होते हुए कहा हाई कोर्ट कितने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की बलि लेगा क्योंकि बहुत सारे अधिवक्ता 70 साल से ज्यादा की उम्र के हैं और उनकी हाईकोर्ट में प्रतिष्ठा है जनता भी उनका सम्मान करती है लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट की कमेटी ने उनका मनोनयन नहीं करके उनका अपमान किया है
वरिष्ठ अधिवक्ताओं का धरना 72 वें दिन भी धरना जारी रहा।
आज धरने पर विमल चौधरी, पूनम चंद भंडारी, राजस्थान बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और जयपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुशील शर्मा, रवि शंकर शर्मा, अजीत सिंह लूनिया, सम्पत लाल सोनगरा, आई जे खतूरिया, हंसराज कुलदीप, जगदीश प्रसाद गुप्ता, सुरेश कश्यप, रामअवतार शर्मा, रामजी लाल गुर्जर, पवन सिंह, आर ए शर्मा सहित सैकड़ों वरिष्ठ वकीलों ने तपती धूप में बिना टेंट – तंबू के धरना दिया वरिष्ठ वकीलों ने कहा वकीलों का अपमान नहीं सहेंगे।