Saturday, November 23, 2024

आर्यिका रत्न 105 विज्ञाश्री माताजी का ससंघ का निवाई में भव्य मंगल प्रवेश । आचार्य 108 इंद्रनंदी महाराज से हुआ भव्य मिलन

भारत ऐसा देश हैं जहाँ बच्चों को बचपन से ही संस्कारित किया जाता है -आर्यिका विज्ञाश्री

जयपुर। परम पूज्य भारत गौरव आर्यिका रत्न 105 विज्ञाश्री माताजी का आज धर्मनगरी के नाम से विख्यात निवाई में भव्य मंगल प्रवेश हुआ, जैन समाज के प्रवक्ता राजाबाबु गोधा ने अवगत शहर की सीमा पर आज निवाई जैन समाज ने बैंड बाजों से आर्यिका संघ की भव्य आगवानी की तथा संघ को जयकारे लगाते हुए, नगर भ्रमण कराते हुए चंद्रप्रभु धर्मशाला भवन में पाद कर आरती कर ठहराया इससे पूर्व आचार्य 108 इंद्रनंदी जी महाराज से भव्य मिलन हुआ, कार्यक्रम में पूज्य गुरु मां की ससंघ निवाई नगर गौरव आर्यिका ज्ञापक श्री माताजी के गृहस्थावस्था के परिवार वाले श्रावक श्रेष्ठी रत्नलाल जी मनोज जी , प्रिंस जी छबड़ा रजवास वालो ने पाद प्रक्षालन कर अपने आपको गौरवान्ति किया, पूज्य गुरु मां ने अपनी दिव्य देशना में उद्बोधन देते हुए कहा की आज जो मंगल प्रवेश हुआ है उसे मंगल क्यों कहा तो जब लोगो से लोग मिलते हैं तब मेला लगता है श्रावक से श्रावक मिलता है तो सम्यगदर्शन पलता है और जब श्रावक संत से मिलता है तो चरित्र पलता है जिसके प्रवेश में चरित्र पले तो क्या वह मंगलमय नही होगा ,अवश्य होगा सारे देशों को माता की संज्ञा नही दी जाती सिर्फ भारत को ही भारत माता क्यों कहा जाता है जन्म देने के बाद संस्कार‌ तो माता ही देती है और भारत के अलावा कोई भी देश मे संस्कार नही दिए जाते, अन्य देशों में बच्चो का पालन पोषण तो होता है पर संस्कार विहिन पालन होता हैं, सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है जहा तीर्थंकर भगवन्तों ने जन्म लिया है और बचपन से ही बच्चो को संस्कारित किया जाता है इसलिए भारत देश भारत माता के नाम से जाना जाता है पूज्य गुरु मां का 2 दिन तक श्री 1008 चन्द्र प्रभु चैत्यालय बपुई वालो धर्मशाला निवाई में निवास रहेगा आप सभी दर्शनार्थ पधाकर धर्म लाभ ले।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article